पेट्रोल की तुलना में ज्यादा माइलेज कैसे देती हैं डीजल कारें, कौन है बेस्ट; यहां समझिए पूरी गणित
अगर आपसे पूछा जाए कि आप पेट्रोल और डीजल कार में कौन सी कार खरीदना पसंद करेंगे तो आप अपने मुताबिक चूज करेंगे लेकिन क्या आपको पता है कि पेट्रोल की तुलना में डीजल कारें ज्यादा माइलेज देती हैं। आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। माइलेज देने वाली गाड़ी हम सभी को पसंद होती है, तभी तो हम जब कोई कार खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले उस गाड़ी का माइलेज पूछते हैं। लेकिन अक्सर ये देखा जाता है कि जब आदमी कार खरीदने का मूड बनाता है, तो पेट्रोल और डीजल कार में कंफ्यूज हो जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि पेट्रोल कार के मुकाबले डीजल कारें बहुत ज्यादा माइलेज देती हैं? अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे संभव है, जबकि डीजल के मुकाबले पेट्रोल ज्यादा महंगा है, लेकिन सच तो यही है। आइए समझते हैं कि आखिर ये कैसे संभव होता है...
आपको शायद ही पता हो कि एक फ्यूल के रूप में डीजल में ज्यादा पावर होती है। आप पूछेंगे ये कैसे तो समझिए। बता दें कि डीजल में प्रति लीटर 38.6 मेगा जूल्स उर्जा होती है। वहीं, एक लीटर पेट्रोल में केवल 34.8 मेगा जूल्स पावर मिलती है। मेगा जूल्स (Mega Joules) ऊर्जा को मापने की एक यूनिट होती है।
कैसे करता है काम?
क्या आपको पता है कि डीजल, पेट्रोल से कम ज्वलनशील होता है? जी हां, इसके कारण यह इंजन में ज्यादा देर तक चलता है। डीजल इंजन के सिलेंडर में हाई रेशियो में एयर कंप्रेश होता है। इसमें करीब 18:1 या 21:1 का रेशियो होता है। एयर को कंप्रेश किए जाने से हीट पैदा होती है। इस तरह से जब सिलेंडर के अंदर का तापमान 210 degree सेंटीग्रेट से ऊपर हो जाता है, तो सिलेंडर में बहुत ही कम मात्रा में डीजल स्प्रे होता है। इसके बाद इंजन में इग्निशन पैदा होता है। जिसके चलते पेट्रोल की तुलना में डीजल की कम खपत होती है, क्योंकि डीजल इंजन में सिलेंडर में इंधन को स्प्रे किया जाता है। डीजल की बर्निंग टाइम कैपसिटी बेहतर होती है। यह पेट्रोल की तुलना में लंबे समय तक बर्न होता रहता है। इसके चलते डीजल इंजन उच्च RPM रेंज तक नहीं पहुंच पाता है लेकिन माइलेज ज्यादा देते हैं।
हालांकि ये माना जाता है कि डीजल कारों के मुकाबले पेट्रोल कारों की लाइफ, मेंटेनेंस और पिकअप ज्यादा बेहतरीन होता है।