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पेट्रोल, डीजल, सीएनजी या इलेक्ट्रिक? कौन-सी कार रहेगी आपके लिए बेहतर; क्या हैं फायदे और नुकसान

भारतीय बाजार में कार खरीदने वालों के पास इस समय कई ऑप्शन मौजूद है। इस समय लोगों के पास पेट्रोल डीजल सीएनजी इलेक्ट्रिक कारों का ऑप्शन है। चलिए आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताते हैं। (जागरण फोटो)

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediFri, 24 Mar 2023 08:29 AM (IST)
पेट्रोल, डीजल, सीएनजी या इलेक्ट्रिक? कौन-सी कार रहेगी आपके लिए बेहतर; क्या हैं फायदे और नुकसान
पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक कारों के क्या है फायदें और नुकसान

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कारें सबसे अधिक लोकप्रिय हैं, लेकिन समय के इलेक्ट्रिक कार का चलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। सीएनजी भी बहुत से लोगों की पसंद है। चलिए, आपको बताते हैं इन सब के फायदे और नुकसान के बारे में।

पेट्रोल कार

भारतीय बाजार में पेट्रोल कारें कई सालों से लोगों की पसंद बनी हुई हैं। इसमें आपको एक से बढ़कर एक कारें मिल जाएगी। इसमें आपके पास ऑप्शन कई रहते हैं। लेकिन पेट्रोल की कीमत को देखते हुए लोग ईवी पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। ये कारें आपके बजट में भी होती हैं। अगर एक पेट्रोल कार खरीदी जाती है तो यह किसी भी अन्य कार की तुलना में अधिक लागत की मांग करेगी। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

डीजल कार

डीजल से चलने वाली कारें भारतीय बाजार में काफी अधिक हैं। यदि आप एक पावर-पैक प्रदर्शन के साथ-साथ कुशल कार की तलाश कर रहे हैं, तो आप डीजल से चलने वाली कार की ले सकते हैं। पेट्रोल की तरह, डीजल से चलने वाले इंजनों के कुछ फायदे और नुकसान हैं। डीजल इंजन लॉन्ग ड्राइव के लिए बढ़िया है। पेट्रोल कारों की तुलना में कारें थोड़ी महंगी होती हैं। सर्विसिंग अधिक महंगी है।  

सीएनजी कारें 

पेट्रोल-डीजल के मुकाबले लोग सीएनजी को अपना एक बेहतर विकल्प मानते हैं। सीएनजी कारों की बिक्री पूरे देश में बढ़ी है। CNG कारों की चलने की लागत थोड़ी कम होती है, कम रखरखाव होता है, और जब भी जरूरत हो पेट्रोल में स्विच किया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी कारें ज्यादा साफ होती हैं।

इलेक्ट्रिक कार

इलेक्ट्रिक कार पर्यावरण के काफी अनुकूल है और एक बेहतर ऑप्शन भी है। इससे पॉल्यूशन नहीं होता है। इलेक्ट्रिक कार को चलाने में भी आपको अधिक खर्च नहीं करना पडेगा, लेकिन अभी धीरे -धीरे भारतीय बाजार में इसकी डिमांड बढ़ रही है। अभी इतने ईवी चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं, जितने आपको पेट्रोल पंप दिखाई देंगे।