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पांच साल से पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदे का सौदा या नुकसान का, यहां पर जानें

लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर कितनी पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदने में फायदा है और कितनी पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदने में नुकसान। लोग जो अपनी कार बेचते हैं वो 5 साल या उससे थोड़ा ज्यादा समय तक अपनी कार चलाते हैं

By Vineet SinghEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 06:42 PM (IST)
पांच साल से पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदे का सौदा या नुकसान का, यहां पर जानें
पांच साल से पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदे का सौदा या नुकसान का

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आजकल सेकेंड हैंड कारें खरीदने का ट्रेंड काफी चल रहा है। लोग आधी से भी कम कीमत में सेकेंड हैंड कार खरीद कर इनका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर कितनी पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदने में फायदा है और कितनी पुरानी सेकेंड हैंड कार खरीदने में नुकसान। दरअसल ज्यादातर लोग जो अपनी कार बेचते हैं वो 5 साल या उससे थोड़ा ज्यादा समय तक अपनी कार चलाते हैं इसके बाद कार की बिक्री कर देते हैं। तो क्या इतनी चली हुई कार खरीदने में किसी तरह का रिस्क है या नहीं आज हम इस बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

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सस्पेंशन में हो सकती है दिक्कत

5 से 6 साल पुरानी कारें वैसे तो ठीक ठाक हालत में होती हैं लेकिन इनके सस्पेंशन में समस्या हो सकती है। दरअसल सस्पेंशन काफी देर से खराब होता है, ऐसे में समय बीतने के साथ ही इसमें समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं। अगर आपको कार ओनर इस समस्या को ठीक करवाने के बाद अपना वाहन बेच रहा है तब तो आप कार को खरीदने के बारे में सोच सकते हैं नहीं तो आपको इसे खरीदने से बचना चाहिए।

बॉडी डेंट और स्क्रैच

अगर आप एक से दो साल इस्तेमाल की गई कार खरीदते हैं तो आपको इसकी बॉडी परफेक्ट कंडीशन में मिलती है लेकिन 5 से 6 साल पुरानी कारों की बॉडी में आपको कई तरह की दिक्कतें देखने को जिनमें डेंट और स्क्रैच आदि शामिल हैं।

माइलेज

अगर आप 5 से 6 साल पुरानी कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो इसका सर्विस रिकॉर्ड जरूर देखें, अगर सर्विस रिकॉर्ड नहीं है तो आप समझ सकते हैं कि जिस कार को आप खरीदना चाहते हैं उसकी सर्विसिंग में लापरवाही की गई है ऐसे में इंजन तो ठीक हालत में होगा लेकिन कार का माइलेज जरूर कम हो सकता है। अगर सर्विस समय से हुई होगी तो कार का माइलेज अच्छा होगा और इंजन में भी किसी तरह की समस्या नहीं होती है।

इंटीरियर

5 से 6 साल पुरानी कार के इंटीरियर में आपको किसी तरह की दिक्कत देखने को नहीं मिलेगी। क्योंकि 5 से 6 साल में इंटीरियर पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता है।

हमारा फैसला

हमारा ऐसा मानना है कि आप दो से तीन साल पुरानी सेकेंड हैंड कारों को प्राथमिकता पर रखें क्योंकि उनकी कंडीशन सबसे बेहतर होती है और दाम में भी आपको 20 से 30 फीसद तक की छूट मिल जाएगी, लेकिन इससे ज्यादा पुरानी कार को तब ही चुनें जब कीमत सही हो और कार बेहतर कंडीशन में हो।  


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