Maharashtra Political Crisis: निशाने पर आए अजित पवार, शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं ने विकास निधि रोकने का आरोप लगाया
Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र में गहराते राजनीतिक उठापटक के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार पर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के विकास कोष में बाधा डालने का आरोप लगाया।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र में गहराते राजनीतिक उठापटक के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार पर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के विकास कोष में बाधा डालने का आरोप लगाया। पटोले का बयान शिवसेना के कुछ बागी विधायकों द्वारा विकास निधि से इनकार करने के लिए राकांपा पर निशाना साधने के संदर्भ में था। एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा हैं। अजित पवार राज्य के वित्त मंत्री हैं। हालांकि, अजित पवार ने इन आरोपों से इनकार किया है।
छगन भुजबल ने आरोपों को किया खारिज
नाना पटोले ने कहा, अजित पवार ने कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को भी परेशान किया है। हमने इस रणनीति का विरोध करते हुए कहा कि सरकार लोगों के कल्याण के लिए है। इस तरह की रणनीति का हमारा विरोध राजनीतिक नहीं था। पटोले के आरोप के बारे में पूछे जाने पर राकांपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल ने अपनी टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा, पार्टियों के भीतर भी नेता एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते हैं। इसलिए यह ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे गंभीरता से लिया जा सकता है।
शिवसेना के बागी विधायक ने भी लगाया आरोप
शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के पार्टी के खिलाफ बगावत करने और कुछ बागी विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी जाने के बाद उद्धव सरकार गिरने की कगार पर है। बागी सेना विधायक संजय शिरसाट ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का कदम उठाया क्योंकि पिछले ढाई साल से 'अपमान' का सामना करने वाले शिवसेना विधायकों ने उन्हें ऐसा करने के लिए राजी किया। राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायकों के लिए मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा बंगला जाने का अवसर नहीं मिला।
पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। सीएम के आसपास के लोग तय करते थे कि हम उनसे मिल सकते हैं या नहीं। हमारा अपमान किया गया है। हमारे बजाए कांग्रेस और राकांपा के लोगों को सीएम से मिलने का मौका मिलता था और यहां तक कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए धन भी दिया जाता था
पत्र में शिरसाट ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी विधायकों के लिए उनकी शिकायतों, अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के मुद्दों और संबंधित फंड और सहयोगी कांग्रेस और राकांपा के साथ समस्याओं को सुनने के लिए दरवाजे खोले।