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LS Polls: मतदान बाद हुई हिंसा पर आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी तलब, EC ने पूछताछ के लिए बुलाया दिल्ली

लोकसभा चुनाव के ऐलान के समय के ही सीईसी ने हिंसा पर अपना रुख साफ किया था व कहा था कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और आयोग ऐसी घटनाओं को सख्ती से निपटने के लिए तत्पर है। आयोग ने इस दौरान यह भी साफ किया है कि अभी आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी है। ऐसे वह यह सुनिश्चित करेगी कि कहीं भी हिंसा न हो।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 16 May 2024 07:15 AM (IST)
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LS Polls: मतदान बाद हुई हिंसा पर आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी तलब (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदान के बाद आंध्र प्रदेश में हिंसा की बढ़ी घटनाओं को निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी) को तलब किया है। जो गुरुवार यानी 16 मई को दिल्ली पहुंचकर राज्य में मतदान के बाद से लगातार हो रही हिंसा और उन्हें रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर अपना स्पष्टीकरण पेश करेंगे।

हिंसा पर रोक लगाने के निर्देश

राज्य में 13 मई को लोकसभा और विधानसभा के लिए एक साथ मतदान हुआ था। आयोग ने राज्य में मतदान के बाद कई क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए यह कदम उठाया है। इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को तत्काल ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के निर्देश भी दिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद भी राज्य में हिंसा से जुड़ी घटनाओं की रिपोर्ट आयोग को लगातार मिल रही थी। यही वजह है कि आयोग ने राज्य के दोनों ही अधिकारियों को व्यक्तिगत उपस्थित होकर हिंसा की घटनाओं पर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है।

अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई

आयोग ने इस दौरान पर्यवेक्षकों से भी हिंसा की घटनाओं पर जानकारी तलब की है। माना जा रहा है कि शीर्ष अधिकारियों से जवाब-सवाल के बाद आयोग चूक या हिंसा रोकने में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी कर सकता है। आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें राज्य में हिंसा की घटनाओं के सामने आने के बाद मुख्य निवार्चन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार खुद इसकी निगरानी कर रहे है और मैदानी अमले से लगातार संपर्क में है।

लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं

वैसे भी चुनाव के ऐलान के समय के ही सीईसी ने हिंसा पर अपना रुख साफ किया था व कहा था कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और आयोग ऐसी घटनाओं को सख्ती से निपटने के लिए तत्पर है। आयोग ने इस दौरान यह भी साफ किया है कि अभी आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी है। ऐसे वह यह सुनिश्चित करेगी कि कहीं भी हिंसा न हो।

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