पत्नी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए बेरोजगार पति बन गया शातिर चोर, 10 लाख रुपये की ज्वैलरी और 20 हजार में...
झाँसी में नौकरी करने की बात कहकर घर से निकलता और झाँसी में आकर ताला बन्द सरकारी आवासों को अपना निशाना बनाता था। चोरी के जेवर व नकदी मिलने पर उसने अभी तक लगभग ढाई लाख रुपए के जेवर पत्नी को दिलाए और अपने लिए 20 हजार रुपए का एक बेड भी खरीदा। इसके अलावा घर में और भी सामान रोजमर्रा की जरूरतों का भर दिया।
जागरण संवाददाता, झांसी : दो दर्जन से अधिक सरकारी क्वॉर्टर में ताला तोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाश को जब प्रेमनगर पुलिस व स्वॉट टीम ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया तो उसने कई चौंकाने वाली बातें बताई।
बेरोजगारी से जूझ रहे इस बदमाश से जब उसकी पत्नी ने ज्वैलरी माँगी तो वह पैसों की कमी के चलते उसे नहीं दिला सका। पैसों की कमी दूर करने के लिए घर से दूर जाकर चोरी करने का निर्णय लिया। चोरी के रुपयों से उसने 20 हजार का बेड खरीदा और पत्नी को भी लगभग ढाई लाख रुपए के जेवर दिलाए। इससे पत्नी खुश हो गई। हालाँकि परिवार वालों को उसके काम की भनक कभी नहीं हुई।
10 लाख से अधिक के जेवर हुए बरामद
प्रेमनगर, सीपरी बाजार व रक्सा थाना क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक ऐसे मकानों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश सेंवढ़ा चुंगी (दतिया) निवासी राजकुमार उर्फ सन्तोष प्रजापति को गुरुवार की रात एनकाउण्टर के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 10 लाख रुपए से अधिक कीमत के सोने-चाँदी के जेवर व 25 हजार रुपए नकद बरामद किए गए थे।
साथ ही एक तमंचा, एक जिन्दा व दो खोखा कारतूस पुलिस ने बरामद किए थे। वह पिट्ठू बैग में चोरी के जेवर रखकर उन्हें बेचने निकला था। इसी दौरान उसका पुलिस से आमना-सामना हो गया। उसे मेडिकल कॉलिज में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
बेरोजगारी आड़े आई, पत्नी को खुश करने के लिए की चोरियाँ
दतिया का रहने वाला राजकुमार उर्फ सन्तोष अपने भाई व पिता के साथ मजदूरी करता था। कुछ समय पहले उसकी शादी हुई थी। पैसों की तंगी के चलते वह पत्नी के लिए कुछ सामान नहीं ला पाता था। एक दिन पत्नी ने उससे जेवर दिलाने कह दिया। पैसे न होने पर वह उसकी माँग पूरी न कर सका तो उसने कुछ और करने की ठान ली। वह नौकरी की तलाश करने ट्रेन से झाँसी आया और यहाँ रेलवे कॉलनि में दिन भर पैदल घूमता रहा। इसी दौरान एक घर में ताला लगा मिला।
इसमें उसने पहली चोरी की घटना को अंजाम दिया और शाम की ट्रेन को पकड़कर वापस दतिया चला गया। पहली चोरी में उसे नकदी व जेवर मिले। इसके बाद उसे चोरी का चस्का लग गया।
वह रोज झाँसी में नौकरी करने की बात कहकर घर से निकलता और झाँसी में आकर ताला बन्द सरकारी आवासों को अपना निशाना बनाता था। चोरी के जेवर व नकदी मिलने पर उसने अभी तक लगभग ढाई लाख रुपए के जेवर पत्नी को दिलाए और अपने लिए 20 हजार रुपए का एक बेड भी खरीदा। इसके अलावा घर में और भी सामान रोजमर्रा की जरूरतों का भर दिया।
सीसीटीवी कैमरों में अकेला दिखता था राजकुमार
प्रेमनगर, सीपरी बाजार व रक्सा थाना क्षेत्र में जब-जब बन्द घरों के ताले तोड़कर चोरी की घटना हुई। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में वह अकेला पैदल जाता हुआ दिखाई देता था। उसकी पीठ पर पिट्ठू बैग होता था। उसने बताया कि अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए वह अधिकतर पैदल ही जाता था। डेढ़ साल से वह पुलिस की नजर में था पर पकड़ से दूर था।
वह मोबाइल फोन नहीं रखता था और पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पा रही थी। उसका फिलहाल कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं मिल पा रहा था। नाक में दम करने वाले इस बदमाश तक पहुँचने में पुलिस खुद को असहज महसूस कर रही थी।
कोई नहीं था राजकुमार का राजदार
राजकुमार ने पुलिस को बताया कि वह अकेला ही चोरी करता था। सुबह घर से दतिया स्टेशन पहुँचकर वहाँ से ट्रेन द्वारा झाँसी आ जाता था। यहाँ पैदल घूमते हुए वह उन घरों की तलाश करता था, जिनमें ताला लगा होता था। सब घर के पिछले हिस्से में पहुँचकर वहाँ से अन्दर प्रवेश करने के बाद नकदी व जेवर लेकर भाग जाता था।
उसने स्वीकार किया कि उसके काम के बारे में किसी को कभी भनक नहीं लगी। न ही उसके परिवार के सदस्यों और न ही पत्नी को इस बारे में जानकारी थी। पुलिस घटना स्थल से शुरू कर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक करते हुए बार-बार रेलवे स्टेशन तक पहुँचती थी और उसके बाद यह पुलिस की निगाहों से दूर हो जाता था।