अयोध्या में राष्ट्रपति और पीएम मोदी की सुरक्षा में सामने आई बड़ी चूक, VVIP ड्यूटी पर थी फर्जी डॉक्टर
अयोध्या में राष्ट्रपति मुर्मु इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक अब सामने आयी है। उनकी चिकित्सा ड्यूटी फर्जी डिग्री के सहारे नाैकरी हथियाने वाला चिकित्सक करता रहा। इस मामले में प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है। उसके बाद जो निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा। पूरे प्रकरण के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
प्रमोद दुबे, अयोध्या। रामनगरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एक मई को आगमन हुआ था। इसके बाद पांच मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रामलला का दर्शन और रोड शो किया था। इन दोनों अति विशिष्ट जनों की सुरक्षा में बड़ी चूक अब सामने आयी है। उनकी चिकित्सा ड्यूटी फर्जी डिग्री के सहारे नाैकरी हथियाने वाला चिकित्सक करता रहा। इसकी पूरी जिम्मेदारी ज्वाइनिंग कराने वाले अधिकारी की मानी जा रही है, जिन्होंने डिग्रियों का बगैर परीक्षण कराए ही तैनाती दे दी।
प्रकरण ने तूल पकड़ा तो संदिग्ध फर्जी चिकित्सक सीएमएस को त्यागपत्र सौंप कर गायब हो गया। सूत्रों की मानें तो विभाग को केजीएमयू की जो डिग्री दी गई वह फर्जी साबित हुई है। अब विभाग के अधिकारी डीजी हेल्थ व अन्य अधिकारियों से मिल कर आगे की कार्रवाई के लिए उनके दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।शासन की तरफ से नियुक्ति मिलने के बाद 23 सितंबर 2023 को डॉ. विनोद सिंह जिला अस्पताल पहुंचे थे। तत्कालीन प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बृजकुमार ने नियमों को ताक पर रखकर डिग्रियों का बगैर सत्यापन कराए ही उनको तत्काल ज्वॉइनिंग दे दी थी। ज्वॉइनिंग के बाद करीब दो माह तक डॉ. विनोद सिंह अस्पताल से गायब रहे और उनको समय पर वेतन मिलता रहा। इसके बाद जब मीडिया का दबाव बना तो उन्हाेंने ड्यूटी आरंभ की। कथित डॉक्टर ने छह माह में करीब दो दर्जन से अधिक वीवीआईपी की एबुलेंस ड्यूटी भी की। इस बीच उस पर शक हाेने पर सीएमएस की तरफ से वेतन रोक कर डिग्री की जांच का फैसला लिया गया तो राज खुलता देख फर्जी चिकित्सक इस्तीफा देकर चलता बना।
बस्ती में पकड़े गये गेंदा सिंह के पास मिला था ड्राइविंग लाइसेंस
वर्ष 2012 में बस्ती जिले में एक फर्जी चिकित्सक डॉ. गेंदा सिंह पकड़ा गया था, जिसे लोग अब डा. विनोद सिंह से जोड़ कर देख रहे हैं। पुलिस को गिरफ्तारी के दौरान गेंदा सिंह के पास दो ड्राइविंग लाइसेंस मिले थे, जिसमें एक गेंदा सिंह और दूसरा विनोद कुमार सिंह के नाम से था। अब लोग उसी विनोद सिंह को यहां पर तैनाती लेनेे वाला चिकित्सक बता रहे हैं।
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