Patna Pal Hotel Fire: कंबल ओढ़कर ऐसे बचाई जान... पढ़िए बहादुर महिला की कहानी जिसने दिखाई हिम्मत
Patna News पटना के होटल पाल और अमृत होटल में आगलगी के दूसरे दिन भी गोलंबर के पास लोगों की भीड़ जुटी थी। रेस्क्यू कर बचाए गए लाेगों की आंखों के सामने अभी वह भयावह मंजर तैर रहा। बंगाल की रहने वाली एक युवती की बहादुरी की कहानी सामने आई थी। महिला ने सूझबूझ से जिस तरह से जान बचाई उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: होटल पाल और अमृत होटल में आगलगी के दूसरे दिन भी पटना जंक्शन गोलंबर के पास लोगों की भीड़ जुटी थी। रेस्क्यू कर बचाए गए लाेगों की आंखों के सामने अभी वह भयावह मंजर तैर रहा। बंगाल की रहने वाली एक युवती भी उसी होटल में ठहरी थी।
जिस समय होटल में आग लगी, वह कमरे में सो रही थी। फायर अलार्म सिस्टम था नहीं और होटल कर्मी पहले भी वहां से भाग चुके थे। अचानक धमाका हुआ तो नींद टूटी, लेकिन तब तक कमरे में धुआं भरने लगा। पता चल चुका था कि होटल में आग लग गई।
आनन फानन में कमरे में रखे कंबल को ओढ़कर किसी तरह छत पर पहुंची। वहां और भी लोग थे। सब मदद की गुहार लगा रहे थे। अगर ब्लास्ट की आवास सुनकर नींद से नहीं जगती तो वह भी आग की चपेट में आ जाती। उन्हें सुरक्षित बचाया गया। मृतक भोजपुर निवासी राहुल आठ दस साल से पटना में ही रह रहा था। चाट दुकान में काम करता था। घटना की सूचना के बाद उनके स्वजन पटना पहुंचे थे।
दो शवों की नहीं हुई पहचान, पुलिस ने जारी की तस्वीर
आगलगी में छह लोग जिंदा जले गए। मृतकों में चार की पहचान गुरूवार को भी कर ली गई थी। जब एक युवक और एक युवती की पहचान नहीं हो सकी है। दोनों की झुलसे से मौत हो गई। युवक के हाथ में टैटू बना हुआ है। दोनों की उम्र 25 से 30 साल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
दोनों के शवों की तस्वीर को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया है। ताकि इनकी पहचान हो सके। इसके लिए संपर्क नंबर भी जारी किया गया है। हालांकि शुक्रवार की शाम तक दोनों की पहचान नहीं हो सकी।
आग और धुआं से घिर गए थे लोग
घटना के समय कई लोग रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे तो तीसरी और चौथी मंजिल पर बने कमरे में भी कई लोग ठहरे थे। रेस्टोरेंट के किचन में आग की वजह से सीढ़ी भी चपेट में आ गया था। सीढ़ी की चौड़ाई कम होने और धुआं भरने के साथ ही बाहरी हिस्से में भीषण आग की वजह से होटल में मौजूद लोग अंदर ही फंस गए थे। जो छत पर गए उन्हें बचा लिया गया, बाकी को संभलने का भी मौका नहीं मिला।