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दिल्ली में स्तन कैंसर की रोबोटिक सर्जरी कर डॉक्टरों ने दी महिला को नई जिंदगी, अब तक 15 महिलाओं का हुआ इलाज

स्नान करते हुए एक दिन अचानक ही स्तन में गांठ महसूस हुई। जांच कराने पर ट्यूमर कैंसर निकला। यह पता चलने पर पैरों तले जमीन खिसक गई। लेकिन पहले सास को भी स्तन कैंसर की बीमारी हो चुकी थी। वह इलाज के बाद ठीक भी हो गईं थीं। इससे हिम्मत बढ़ी और इलाज शुरू कराया। अस्पताल में डॉक्टरों ने एक माह पहले ही रोबोटिक सर्जरी की थी।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Geetarjun Published: Thu, 18 Apr 2024 07:48 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 07:48 PM (IST)
दिल्ली में स्तन कैंसर की रोबोटिक सर्जरी कर डॉक्टरों ने दी महिला को नई जिंदगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। स्नान करते हुए एक दिन अचानक ही स्तन में गांठ महसूस हुई। जांच कराने पर ट्यूमर कैंसर निकला। यह पता चलने पर पैरों तले जमीन खिसक गई। लेकिन पहले सास को भी स्तन कैंसर की बीमारी हो चुकी थी। वह इलाज के बाद ठीक भी हो गईं थीं। इससे हिम्मत बढ़ी और इलाज शुरू कराया।

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कीमोथेरेपी में थोड़ा सुधार होने के बाद दिल्ली के एक निजी क्षेत्र के अस्पताल में डॉक्टरों ने एक माह पहले ही रोबोटिक सर्जरी की थी। सर्जरी के बाद दो दिन अस्पताल में भर्ती रही। अस्पताल से वापस घर जाने के तीसरे दिन ऑफिस जाना शुरू कर दिया। यह कहानी है कि स्तन कैंसर से पीड़ित दिल्ली की रहने वाली निहारिका की। दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल के डॉक्टरों ने उत्तर भारत में पहली बार निहारिका सहित 15 मरीजों के स्तन कैंसर की रोबोटिक सर्जरी करने का दावा किया है।

अब तक 15 महिलाओं की सर्जरी

अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि पिछले नवंबर में पहली सर्जरी की गई थी। इसके बाद से अब तक स्तन कैंसर से पीड़त 15 महिला मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की गई है। अस्पताल के सर्जिकल आंकोलाजी विभाग के निदेशक डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि इस तकनीक से सामान्य तौर पर शुरुआती स्टेज के स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की ही सर्जरी हो सकती है। क्योंकि शुरुआती स्टेज में कैंसर ज्यादा फैला हुआ नहीं होता।

किन मरीजों की हो सकती है रोबोटिक सर्जरी

एडवांस स्टेज के स्तन कैंसर से पीड़ित उन्हीं मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की जा सकती है जिन पर शुरुआत में कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी इत्यादि का अच्छा असर दिखता है। निहारिका ट्रिपल निगेटिव स्तन कैंसर से पीड़ित थीं। यह बहुत गंभीर बीमारी होती है। जब वह अस्पताल पहुंची तो उन्हें तीसरे स्टेज का कैंसर था, लेकिन कीमोथेरेपी का अच्छा असर देखा गया। इसके बाद रोबोटिक सर्जरी की गई।

सर्जरी के बाद करा सकती हैं स्तनपान

डॉ. मनदीप ने बताया कि मुरादाबाद की रहने वाली एक अन्य मरीज 27 वर्षीय रुकैया की भी रोबोटिक सर्जरी की गई। उन्हें भी एडवांस स्टेज का कैंसर था। रोबोटिक सर्जरी से स्तन को सुरक्षित बचाया गया। उनका एक छोटा बच्चा है। वह उसे स्तनपान भी करा सकती हैं। रुकैया ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान ही ट्यूमर हुआ था। प्रसव के दो माह बाद कैंसर होने की बात पता चली। इतना बोलते हुए वह रो पड़ी और कहा कि अब ठीक हूं।

डॉ. मनदीप ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के लिए स्तन के साइड में छोटा चीरा लगाया गया और ट्यूमर निकालने के बाद पीठ के हिस्से से फैट लेकर दोबारा स्तन बनना दिया गया, जो पूरी तरह सामान्य है। मरीज को कोई बड़ा चीरा नहीं लगाना पड़ता। इस तकनीक से सर्जरी में ज्यादा रक्तस्राव नहीं होता। इसलिए

मरीज को दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। शुरुआती स्टेज में स्तन कैंसर की पहचान होने पर 50 प्रतिशत मरीजों को कीमो की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि मरीज के ठीक होने के पांच वर्ष तक फालोअप किया जाता है। क्योंकि कैंसर दोबारा होने का जोखिम रहता है। रोबोटिक मशीन की मदद से सर्जरी ज्यादा बेहतर हो पाती है। इसलिए ट्यूमर दोबारा विकसित होने का जोखिम भी कम होता है।


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