मंकीपाॅक्स और स्वाइन फ्लू के खतरे के बीच महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों के लिए जारी किए नए दिशा-निर्देश
खतरनाक और जोखिम भरे संक्रामक रोगों की चपेट में आने के डर से राज्य के स्कूलों में बच्चों का आना कम हो रहा है। स्कूल प्रशासन के द्वारा बच्चों के माता-पिताओं के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि मौजदा स्थिति में वे बच्चों का बेहतर ख्याल रख सके।
मुंबई, जागरण डिजिटल डेस्क। देश में मंकीपाॅक्स (Monkey Pox) और स्वाइन फ्लू (Swine Flu) जैसे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। खतरे के इस माहौल के बीच कुछ विद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिताओं से बच्चों के सेहत पर खास ध्यान रखने की अपील की है और कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। इनमें से एक की योजना फिर से ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) को अपनाने की है।
इसी दौरान 25 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) ने राज्य में मंकीपाॅक्स के प्रसार को रोकने के लिए कुछ सलाह व नियम जारी किए हैं। इसके तहत सभी डाॅक्टरों और स्थानीय स्वास्थ्य संबंधी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। उन्हें मरीजों के विदेश यात्राओं व उनमें मंकीपाॅक्स के लक्षणों का विकास होने की बात पर ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।
राज्य के ठाणे (Thane) जिले के भयंदर में स्थित यूरो किड्स स्कूल की जीना कार्डोज ने कहा है, ''हमारे अपने यूरो किड्स के सभी सेंटरों में ऐसे स्टाफ हैे जो बच्चों, उनके माता-पिता, टीचरों को स्क्रीन करते हैं। हमारे यहां साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है।
बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए हमने हाथों को बार-बार सैनिटाइज (Sanitize) करने का भी बता रखा है। इसी के साथ हमारी तरफ से कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि बच्चों के पेरेंट्स को सावधानी उपायों के बारे में जानकारी दी जा सके।
अगर कोई बच्चा ठीक नहीं है, उसमें बुखार, गले में सूजन व खराश, त्वचा में रैशेज जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उसे घर पर रहकर आराम करने को कहा जा रहा है।''
इसी मुद्दे पर अपनी राय देते हुए ऑर्किड्स-द इंटरनेशनल स्कूल के प्रवक्ता ने कहा है, देश में मंकीपाॅक्स के मामलों को देखते हुए हम स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) द्वारा जनहित के लिए जारी किए गए निर्देशों को अपना रहे हैं। हमारे यहां कोविड-19 के लिए सभी स्वास्थ्य संबंधी उपाय अपनाए जा रहे हैं।
हालांकि मंकीपाॅक्स के लिए पेरेंट्स के साथ हमने अभी तक कोई दिशा-निर्देश (advisory) साझा नहीं किया है। लेकिन इससे संबंधित सभी चीजों पर हमारी पैनी नजर है और बहुत जल्द ही हम जरूरी कार्रवाई करेंगे।
राज्य के कुछ विद्यालयों का कहना है कि संक्रामक रोगों के खतरे को देखते हुए उनके यहां स्टूडेंट्स के आने की संख्या में कमी आई है।
इसी पर महिम के बाॅम्बे स्काॅटिश स्कूल ने कहा, हालात मुश्किल हैं लेकिन पेरेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें बस सतर्क रहने की आवश्यकता है।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुनीता जाॅर्ज का कहना है, अभी हमारे यहां विद्यार्थियों की अनुपस्थिति 15 फीसदी है। विद्यार्थियों की उपस्थिति के मामले में हमारी स्थिति बाकी स्कूलों के मुकाबले बेहतर है। लेकिन अगर इस आंकड़े में 20 से 25 फीसदी तक का इजाफा होता है तो हम फिर से कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन मोड से पढ़ाई को अपनाएंगे।
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