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Lok Sabha Election 2024: हाथों में EVM, कंधों पर चुनाव सामग्री...., उधमपुर में पहाड़ों पर मतदान कर्मियों ने ऐसे की तैयारी

Lok Sabha Election 2024 आज उधमपुर सीट पर लोकसभा चुनाव होने हैं। इस क्षेत्र में पांच संसदीय क्षेत्र आते हैं। इसी के अंतर्गत डोडा एक ऐसा क्षेत्र है जिनकी पहाड़ियों पर चढ़ना मुश्किल होता है। लेकिन मतदाता कर्मियों के हौसलों के आगे ये सब कुछ नहीं। गुरुवार को मतदाताओं ने कड़ी मशक्कतों और हर चुनौती को पार करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में वोटिंग की व्यवस्था करवाई।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Fri, 19 Apr 2024 07:14 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 07:14 AM (IST)
डोडा जिले में वर्षा के बीच छाते लगाकर पहाड़ी इलाके में बने मतदान केंद्र के लिए पैदल जाता पोलिंग स्टाफ

रोहित जंडियाल, डोडा। Udhampur Lok Sabha Seat Voting: न बारिश की चिंता और न ही दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर पैदल चलने की थकान... लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदान कराने के लिए ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों का जोश वीरवार को देखने लायक था।

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हाथों में ईवीएम और कंधों पर भी चुनाव सामग्री रखे मतदान कर्मचारी पथरीले रास्तों पर लगातार आगे बढ़ रहे थे। तमाम परेशानियों को ठेंगा (Jammu Kashmir Lok Sabha Election) दिखाते हुए शाम तक पोलिंग स्टाफ सभी मतदान केंद्रों पर पहुंच गया।

उधमपुर-डोडा-कठुआ लोकसभा सीट के मतदान शुक्रवार यानी आज है। सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस लोकसभा क्षेत्र का बड़ा इलाका पहाड़ी है। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जो बर्फ से ढके हैं, जहां तीन दिन पहले ही कर्मचारियों को भेज दिया गया।

उधमपुर सीट के अंतर्गत हैं डोडा जिला

पहाड़ों पर बसे गांवों में बनाए गए मतदान केंद्रों तक पहुंचाना कोई आसान नहीं रहा। इन्हीं डोडा जिला भी है। वीरवार को कहीं पैदल तो कहीं घोड़े पर बैठकर मतदान कर्मी पोलिंग बूथ पर पहुंचे।

डोडा जिले से मतदान कर्मियों को वीरवार को पहाड़ी एवं दूरदराज इलाकों में बने पोलिंग बूथों के लिए रवाना किया गया तो अधिकांश जगह वर्षा हो रही थी।

डोडा के उत्तरी और दक्षिण क्षेत्रों में कई मतदान केंद्र ऐसी जगहों पर बने हैं, जहां तक कोई वाहन नहीं जा पाता। ऐसा एक क्षेत्र घई है।

बुजुर्गों के लिए पालकी की व्यवस्था

डोडा से मतदान कर्मी एवं उनके साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी घई तक तो वाहनों से पहुंच गए, लेकिन इसके आगे देसा, बाडा, पंजान, पाटा सहित 12 जगह ऐसे मतदान केंद्र थे, जहां पहुंचने के लिए पैदल ही जाना पड़ा। इन केंद्रों तक जाने के लिए एक-एक घोड़ा भी दिया गया था, जिस पर ईवीएम को रखकर ले जाया जा सके।

इन सभी केंद्रों पर एक-एक पालकी भी रखी गई है। अगर किसी बुजुर्ग को आने में समस्या होती है तो उसे पालकी से मतदान कराने लाया जाएगा।

धार्मिक स्थलों से की जाएगी मतदान की अपील

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में डोडा जिले में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि पूरे संसदीय क्षेत्र में 71 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े थे। इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे प्रबंध किए हैं।

स्वीप के माध्यम से मतदाताओं को लगातार जागरूक किया गया। वहीं, मतदान के दिन शुक्रवार को धार्मिक स्थलों से लोगों से मतदान के लिए अपील भी की जाएगी।

पहली बार वोटिंग को लेकर उत्साह

पहली बार वोट डालने के लिए उत्सुक युवा आम लोगों में भी मतदान को लेकर उत्साह है। विशेषतौर पर युवाओं में पहला वोट डालने को लेकर उत्साह है। युवा मतदान के लिए जम्मू, उधमपुर से भी छुट्टी लेकर अपने घर पहुंचे हैं।

जम्मू में कपड़ों की दुकान पर काम करने वाले 19 वर्षीय मुदस्सर वोट डालने के लिए खासतौर पर डोडा आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह पहली बार वोट डालेंगे, इसलिए बहुत उत्सुक हैं।

मतदान अधिक से अधिक हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए गए हैं। युवाओं से लेकर महिलाओं और बुजुर्गों तक को जागरूक किया गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज होती है। ऐसे में नमाज के बाद लोगों को मतदान करने के लिए अपील की जाएगी। मंदिरों से भी इसी तरह की व्यवस्था होगी।

-हरविंद्र सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी, डोडा

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