साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मशहूर लेखक सुखजीत का 62 साल की उम्र में निधन, दिल का दौरा पड़ने से गई जान
माछीवाड़ा निवासी प्रसिद्ध लेखक सुखजीत का 62 साल की उम्र में निधन हो गया। 62 साल का उम्र में सबको पीछे छोड़ गए सुखजीत। उनके करीबी ने बताया कि कुछ ही महीनों पहले इस बात का पता चला था कि वह दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं। उनका इलाज फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था। पिछले सप्ताह फिर उनकी तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उनकी हालत में सुधार नहीं आया।
संवाद सूत्र, श्री माछीवाड़ा साहिब। Famous Writer Sukhjeet Died: प्रसिद्ध लेखक एवं माछीवाड़ा निवासी सुखजीत (62) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, जिससे क्षेत्र के साथ-साथ साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर है। लेखक सुखजीत के भाई बलविंदर सिंह ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि कुछ महीने पहले उन्हें दिल की बीमारी हुई थी और उनका इलाज फोर्टिस अस्पताल में हुआ था, जहां से वह ठीक होकर घर लौट आए थे।
प्यार से स्वामी जी पुकारते थे लोग
पिछले सप्ताह वह फिर से उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें पहले लुधियाना अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। सोमवार को उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लेखक सुखजीत के निधन की खबर से जहां साहित्य प्रेमियों में निराशा का माहौल है, वहीं माछीवाड़ा के लोग जो उन्हें प्यार से स्वामी जी कहते थे, को भी उनके अचानक निधन से गहरा सदमा लगा है।
लेखक सुखजीत ने लिखी ये किताब
साहित्यकार सुखजीत ने 'अंतरान', 'रंगों का मनोविज्ञान' और अपनी आत्मकथा 'मैं जैसा हूं, वैसा क्यों हूं' किताबें साहित्य जगत की झोली में डाली। सुखजीत की बेबाक बातों और सधी हुई लेखनी का हमेशा सम्मान किया जाता रहा है, जिसके लिए उन्हें कुछ महीने पहले 'भारतीय साहित्य अकादमी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें साहित्य के क्षेत्र में कई अन्य पुरस्कार भी मिले और इस मशहूर शख्सियत ने आज इस फानी संसार को अलविदा कह दिया।