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नहीं रहे मशहूर अभिनेता व निर्देशक सची दास, ओडिशा में शोक की लहर; इलाज के दौरान ली अंतिम सांस

ओडिशा में प्रख्यात अभिनेता व निर्देशक डा.सची दास का निधन होने की खबर सामने आई है। आज सुबह करीब 930 बजे इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय उनकी उम्र 88 वर्ष थी। एक दिग्‍गज अभिनेता होने के अलावा वह एक सफल निर्देशक भी थे। उन्‍होंने 100 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया है। रंगमंच की दुनिया का उन्‍हें भीष्‍म पितामह कहा जाता है।

By Sheshnath Rai Edited By: Arijita Sen Published: Thu, 18 Apr 2024 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 05:13 PM (IST)
ओडिशा में प्रख्यात अभिनेता, निदेशक डा.सची दास का निधन।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओड़िया सिनेमा व धारावाहिक जगत के प्रख्यात अभिनेता एवं जात्रा जगत के किंबदंती निदेशक डा. सची दास का गुरुवार को निधन हो गया। सुबह करीबन 9:30 बजे इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम श्वास ली। मृत्यु के समय उनकी उम्र 88 वर्ष थी।

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अभिनेता के अलावा एक सफल निर्देशक भी

यह खबर जानने के बाद उनके जन्म स्थान बरी के साथ पूरे राज्य से लोगों ने गहरी संवेदना प्रकट की है। खासकर राज्य के सभी कलाकार एवं उनके चाहने वालों को इस खबर ने गहरा दुख पहुंचाया है। एक जमीदार परिवार में जन्म लेने वाले सची दास को बचपन से ही कला से बहुत प्रेम था।

उम्र बढ़ने के साथ ही उन्होंने कला की दुनिया में खुद को प्रतिष्ठित किया। उन्होंने कई सिनेमा एवं मेगा धारावाहिकों में अभिनय करने के साथ ही निर्देशक के तौर पर भी ख्याति अर्जित की थी।

उनके निर्देशन में 'शागुणा बसिछि डेणा मेलाई' नाटक काफी सफल था और लोकप्रियता हासिल की थी। कटक से उनके पार्थिव शरीर को बरी आनंदपुर स्थित आवास पर लाया गया और उनके पैतृक गांव के श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया।

नाटक की दुनिया के भीष्‍म पितामह

जानकारी के मुताबिक, 1936 में जाजपुर जिले के बरी में डा सची दास का जन्म हुआ था। 1958 में वह जनता रंगमंच से जुड़े। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखे। आपने 500 से अधिक नाटकों में अभिनय किया।

100 से अधिक नाटकों में निर्देशना दी। यहां तक कि 400 से अदिक नाटक की रचना भी की। ओडिशा के नाटक की दुनिया में उन्हें भीष्म पितामह माना जाता है।

कई पुरस्‍कारों से हो चुके हैं सम्‍मानित

सचि दास को अभिनय एवं निर्देशन के लिए कई बार सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जा चुका है। 2018 में गुरु केलुचरण महापात्र सम्मान, 2018 में उत्कल संस्कृति विश्व विद्यालय की तरफ से सम्मानजनक डाक्टरेट, 2015 में कवि सम्राट उपेन्द्र भंज सम्मान, 2000-2001 में ओडिशा संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार, 2010 में शताब्दी कलाकार सम्मान, 2014 में वाणीचित्र सम्मान, 2017 में अजीत नाट्य सम्मान से सम्मानित किया गया था।

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