Bengal SSC: नहीं रोकी जाएगी किसी की तनख्वाह; 26,000 बर्खास्त स्कूल कर्मियों को वेतन देगी बंगाल सरकार
बंगाल सरकार कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर नौकरी गंवा चुके 25753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन देगी। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने कलकत्ता हाई कोर्ट को 2016 की स्कूल भर्ती समिति की ओर से नियुक्त ऐसे 5300 लोगों की सूची प्रदान की थी जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध थीं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर नौकरी गंवा चुके 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन देगी। शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला श्रम अधिनियम के तहत लिया गया है। इतना ही नहीं जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चलेगा तब तक किसी की तनख्वाह नहीं रोकी जाएगी।
सिद्धार्थ मजूमदार ने क्या कुछ कहा?
इधर, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने कलकत्ता हाई कोर्ट को 2016 की स्कूल भर्ती समिति की ओर से नियुक्त ऐसे 5300 लोगों की सूची प्रदान की थी जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध थीं। राज्य एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा,
हमने कोर्ट के समक्ष उन अभ्यर्थियों की सूची पेश की जहां भर्ती में विसंगतियां पाई गईं। ये सूचियां भर्ती में दो खास अनियमितताओं पर आधारित थीं- ओएमआर (एक आप्टिकल मार्क रिकाग्निशन) शीट में हेरफेर और दूसरी रैंक में गड़बड़ी। ग्रुप सी और डी के लिए ऐसे उम्मीदवारों और कक्षा 9-10 तथा 11-12 के शिक्षकों की कुल संख्या लगभग 5,300 थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
उन्होंने कहा कि एसएससी ने अब तक पाया है कि 2016-एसएलएसटी परीक्षा के 19,000 से अधिक उम्मीदवार पात्र थे, इनकी नियुक्ति में कोई अनियमितता नहीं हुई थी। हमने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। एसएससी ने यह दावा सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (SLST) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद करने की पृष्ठभूमि में किया है। इन विद्यालयों में 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी 2016 की एसएलएसटी परीक्षा में शामिल हुए थे।
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उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर से अदालत के समक्ष कम से कम तीन हलफनामे दाखिल किए गए जहां हमने संदिग्ध भर्तियों के नाम और रोल नंबर प्रदान किए थे। सूचियां सीबीआई के साथ भी साझा की गईं थीं।