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Chhattisgarh: दंतेवाड़ा में हिंसा की राह छोड़ 18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, इसमें 3 महिलाएं भी शामिल

दंतेवाड़ा में 18 नक्सलियों ने बुधवार को आत्मसमर्पण किया। इसमें मिलिशिया प्लाटून सेक्शन के कमांडर और तीन महिलाएं शामिल है।18 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की भैरमगढ़ और मलंगेर क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे। पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि नक्सलियों ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान लोन वर्राटू से प्रभावित थे।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Published: Wed, 24 Apr 2024 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 06:17 PM (IST)
18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण (Image: ANI)

पीटीआई, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस को लगातार सफलता हासिल हो रही है। कांकेर जिले में 29 नक्सलियों की मौत के बाद दंतेवाड़ा में 18 नक्सलियों ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया है। इसमें मिलिशिया प्लाटून सेक्शन के कमांडर और तीन महिलाएं शामिल है।

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दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि 34 वर्षीय हिडमा ओयाम हुर्रेपाल पंचायत मिलिशिया प्लाटून (एचपीएमपी) सेक्शन कमांडर के रूप में कार्यरत था। वहीं, तीन महिलाओं की पहचान 23 वर्षीय संबती ओयम, 28 वर्षीय गंगी और 20 वर्षीय हुंगी ओयाम के रूप में की गई है। बता दें कि संबती एचपीएमपी के डिप्टी कमांडर के रूप में कार्यरत थीं। वहीं, गंगी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के काकाडी पंचायत क्रांतिकारी महिला आदिवासी संगठन (केएएमएस) की उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा हुंगी हुर्रेपाल पंचायत के सदस्य हैं।

पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने डाले हथियार

18 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। वे दक्षिण बस्तर में माओवादियों की भैरमगढ़ और मलंगेर क्षेत्र समितियों का हिस्सा थे। गौरव राय ने बताया कि नक्सलियों ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया क्योंकि वे पुलिस के पुनर्वास अभियान 'लोन वर्राटू' से प्रभावित थे और खोखली माओवादी विचारधारा से निराश थे।

एसपी ने कहा, 'इन कैडरों को सड़कें खोदने, सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए पेड़ काटने और नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था। उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ, दंतेवाड़ा जिले में अब तक 738 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जिनमें से 177 नक्सली अपने सिर पर इनाम लेकर आए थे।

कांकेर जिले में 29 नक्सलियों की हुई थी मौत

छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ राज्य की लड़ाई के इतिहास में किसी एक मुठभेड़ में सबसे ज्यादा संख्या में नक्सली 16 अप्रैल को मारे गए, जब सुरक्षा बलों ने कांकेर जिले में 29 नक्सलियों को मार गिराया।

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