Mumbai News: 2023 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चार साल का डिग्री कोर्स लागू करना अनिवार्य, सरकार का आदेश
Mumbai News महाराष्ट्र में सिर्फ 32 लाख छात्रों का नामांकन हुआ है। इसी वजह से सरकारी विश्वविद्यालयों से नामांकन प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभियान चलाने को कहा गया है। इसी के साथ युवाओं का मतदाता पंजीकरण बढ़ाने के लिए भी काम करने को कहा गया है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Mumbai News: महाराष्ट्र सरकार कालेजों में प्रवेश के लिए 18 वर्ष से अधिक के युवाओं का मतदाता पंजीकरण अनिवार्य करने जा रही है। यही नहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी कड़ाई से पालन करवाते हुए राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रही है।
शुक्रवार को राजभवन में गैर-कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपतियों की बैठक में भाग लेने के बाद राज्य उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उच्च शिक्षा प्रणाली में 50 लाख छात्रों के नामांकन का लक्ष्य प्राप्त करने में महाराष्ट्र पीछे है।
महाराष्ट्र में सिर्फ 32 लाख छात्रों का नामांकन हुआ है। इसलिए सरकारी विश्वविद्यालयों से नामांकन प्रतिशत बढ़ाने के लिए अभियान चलाने को कहा गया है। इसके साथ ही युवाओं का मतदाता पंजीकरण बढ़ाने के लिए 18 से अधिक के युवाओं का मतदाता पंजीकरण भी अनिवार्य किया जा रहा है।
यह पंजीकरण होने के बाद ही युवाओं को कालेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल सकेगा। पाटिल ने कहा कि सरकार कालेजों में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को अपना मतदाता पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव शीघ्र लाएगी। साथ ही जून 2023 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार चार वर्षीय डिग्री कोर्स भी लागू किया जाएगा। पाटिल के अनुसार ऐसा करना विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य होगा। ऐसा न करने वाले विश्वविद्यालयों पर सरकार कार्रवाई करेगी।
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर उपकुलपतियों की चिंताओं को दूर करने के लिए सेवानिवृत्त कुलपतियों की एक समिति का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने और कौशल विकास के लिए भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल किए जाने की आवश्यकता है। बता दें कि इस बैठक में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि वे छह के अंदर उपकुलपतियों की एक बैठक बुलाकर आज की बैठक में हुए निर्णयों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि कई गैरसरकारी विश्वविद्यालय अपने संसाधनों से भी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इसी प्रकार सरकारी विश्वविद्यालयों को भी आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्धता जताई ।