Maharashtra: बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रोने लगीं शिवसेना की महिला कार्यकर्ता, बोलीं- गद्दारों को सजा दो। Video
महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन किया। औरंगाबाद में भी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान कुछ महिला कार्यकर्ता रोने भी लगीं। उन्होंने बागी विधायकों को सजा देने की मांग की।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र की सियासत में घमासान जारी है। शिवसेना के कई विधायकों ने पार्टी के साथ बगावत कर दी है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उधर, इस बगावत के बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का जाना तय माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि सीएम उद्धव ठाकरे आज इस्तीफा दे सकते हैं।
महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच बागी विधायकों के खिलाफ शिवसेना कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं। शिवसेना कार्यकर्ता बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी हैं। औरंगाबाद में भी शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने बागी विधायकों के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की।
प्रदर्शन के दौरान महिला कार्यकर्ता फूट-फूटकर रोने लगीं। महिला कार्यकर्ता बागियों को सजा की मांग करने लगीं। रोते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि शिवसेना से बगावत करने वाले नेताओं को सजा मिलनी चाहिए।
#WATCH | Maharashtra: Shiv Sena women workers in Aurangabad break down and weep as they protest against rebel leader Eknath Shinde who has led to ongoing instability in the MVA govt in the state pic.twitter.com/8tzXK5Urw6
— ANI (@ANI) June 22, 2022
एकनाथ शिंदे का दावा- 46 विधायकों का समर्थन
इससे पहले बुधवार दोपहर एकनाथ शिंदे ने 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया। समर्थन देने वालों में निर्दलीय विधायक भी हैं। शिंदे ने दावा किया कि ये संख्या आगे और बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा से अभी उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है और ना ही अभी कोई बातचीत हुई है।
शिवसेना ने जारी क्या व्हिप
उधर, शिवसेना ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने पार्टी के सभी विधायकों को एक पत्र जारी कर उन्हें आज शाम होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है कि यदि कोई अनुपस्थित रहता है तो यह माना जाएगा कि विधायक ने स्वेच्छा से पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।