पीएम मोदी ने बावला में एक बड़ी सभा को किया संबोधित, समाजसेविका लीलाबा को याद करते भावुक हुए PM Modi
पीएम मोदी ने बावला में एक बड़ी सभा को संबोधित किया। बावला आकर पीएम नरेंद्र मोदी ने लीलाबा को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि मेरे जीवन में ऐसा पहली बार होगा जब मैं बावला आया हूं और लीलाबा को नहीं देखा।
किशन प्रजापति, अहमदाबाद। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बावला में एक बड़ी सभा को संबोधित किया। इस मुलाकात की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी लीलाबा को याद कर भावुक हो गए और कहा, 'मेरे जीवन में ऐसा पहली बार होगा जब मैं बावला आया हूं और लीलाबा को नहीं देखा। उन्होंने पिछले 40 वर्षों तक समाज के लिए तपस्या की और मरते दम तक करते रहे। इसलिए आज जब बलूत आया तो मेरे दिमाग में यह था।' राजूभाई सी. लीलाबा के साथ अपने बेटे की तरह रह रहे थे। राजूभाई ने गुजराती जागरण से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने लीलाबा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंधों के बारे में बताया। जिन्हें हम यहां शब्दशः प्रस्तुत कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने बावला आने का दिलाया था भरोसा : राजूभाई
राजूभाई सी. लीलाबा ने बात करते हुए कहा , 'पीएम नरेंद्र मोदी लीलाबा के निमंत्रण का सम्मान करते हुए बावला आए थे।' राजूभाई ने कहा,'साल 2005 में बावला में एक कार्यक्रम था। जिसके तहत 18 हजार गांवों को 24 घंटे बिजली दी गई। बता दें कि एक हफ्ते पहले हम लीलाबा के साथ मोदी साहब को बुलाने गए थे। उन्होंने कहा कि उस बार भी हर बार की तरह मोदी साहब ने हमें बिना किसी अप्वाइंटमेंट के सीधे अंदर बुला लिया। मोदी साहब ने उस न्यौते का सम्मान किया, मोदी साहब ने वादा किया था को वो जीवन में बलूत जरूर आएंगे।
'मोदी साहब ने लीलाबा की छठी पुण्यतिथि पर लड्डू का प्रसाद लिया'
आगे राजेशभाई ने कहा कि बीती 4 नवंबर को लीलाबा की छठी पुण्यतिथि थी। जिसके लिए मैंने तन्मयभाई के माध्यम से इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया। जिसके जवाब में तन्मयभाई ने कहा कि चार नवंबर को नहीं तो जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं तो आप कलछी लेकर आएं। आज मैं मोदी सर के लिए कलछी और प्रसाद लेकर गया था। इसके अलावा आज बावला में मेरे 104 साल के नाना यानी मेरी पत्नी के नाना मानेकबेन जेठालाल पारिख की इच्छा हुई कि मैं मोदी साहब से मिलना चाहता हूं। जो आज सच हो गया और उन्हें नरेंद्रभाई का आशीर्वाद मिला।
आखिरी बार नरेंद्र मोदी साल 2011 में लीलाबा से मिले थे
राजेशभाई ने आगे कहा, 'मुझे याद है कि साल 2011 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लीलाबा की आखिरी मुलाकात तब हुई जब मैं कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर आया था। मैं नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए एक प्रार्थना पुस्तक, माला लेकर आया था। फिर लीलाबा और मैं आधे घंटे तक उनसे मिले। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े भावुक होकर हमसे बात की।
अंत में राजेशभाई ने लीलाबा के साथ अपने रिश्ते के बारे में कहा, "मेरी सास की तुलना में मेरा लीलाबा के साथ एक विशेष रिश्ता था। हम एक ही घर में एक साथ रहते थे। उनके साथ पारिवारिक संबंध थे, और ऐसे कई संबंध थे जो खून से भी अधिक घनिष्ठ थे।
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