अमेरिकी चुनौती से दोगुने प्रयास से निपटेगा उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ताजा प्रतिबंध उत्तर कोरिया के आत्मरक्षा के वैधानिक अधिकार का उल्लंघन करने वाले हैं।
सिओल, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषषद के ताजा प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया ने अमेरिका की तरफ से नया हमला करार दिया है। कहा है कि वह इससे निपटने के लिए अपने प्रयास दोगुने करेगा। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेल आपूर्ति में 30 फीसदी की कटौती को उत्तर कोरिया के खिलाफ छोटा कदम बताया है। उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल विकास कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने और कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई है।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ताजा प्रतिबंध उत्तर कोरिया के आत्मरक्षा के वैधानिक अधिकार का उल्लंघन करने वाले हैं। इसका उद्देश्य पूर्णत: आर्थिक नाकेबंदी करके उत्तर कोरिया और उसके नागरिकों को बदहाल कर देना है। ऐसे में उत्तर कोरिया देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को दो गुना करेगा। वह अमेरिका द्वारा खड़े किए जा रहे खतरों से निपटने और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत करेगा।
विदेश मंत्रालय का यह बयान उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने जारी किया है। इससे पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत हान तेई सोंग ने कहा था कि उनका देश जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। वह अमेरिका को ऐसा दर्द देने की स्थिति में है, जो उसने इतिहास में कभी नहीं झेला होगा। सुरक्षा परिषषद ने भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात उत्तर कोरिया को तेल आपूर्ति में कटौती और टेक्सटाइल आयात पर रोक का अमेरिकी प्रस्ताव पारित किया था।
रेडियोएक्टिव गैस के सबूत मिले
दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से रेडियोएक्टिव जेनॉन गैस के उत्सर्जन की पुष्टि हुई है। हालांकि वह पुख्ता तौर पर यह नहीं बता सकता कि उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण ही किया था।
उत्तर कोरिया ने किया था 250 किलोटन क्षमता का विस्फोट!
अमेरिकी विशेषषज्ञ दल ने अनुमान लगाया है कि उत्तर कोरिया का हाल में किया गया परमाणु परीक्षण 250 किलोटन का था। यह अभी तक दुनिया में हुए किसी भी कृत्रिम विस्फोट से ज्यादा शक्तिशाली था। परीक्षण स्थल की जो उपग्रह तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं, वे भी पूरा इलाका बर्बाद हुआ दर्शा रही हैं। विशेषषज्ञों की यह वेबसाइट अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध है।
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