उत्तर कोरिया से भागने वालों की ये है दास्तां- सवाल पूछने पर मिलती थी ‘मौत’
हम सभी जानते हैं। लेकिन जो नहीं जानते हैं वो ये है कि किम जोंग उन को लेकर वहां से अपनी जान बचाकर निकले लोग क्या सोचते हैं।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन विश्व के उन नेताओं में शुमार है जो लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं। इसकी वजह भी हम सभी जानते हैं। लेकिन जो नहीं जानते हैं वो ये है कि किम जोंग उन को लेकर वहां से अपनी जान बचाकर निकले लोग क्या सोचते हैं। यह जानना अपने आप में बेहद दिलचस्प है। इनमें से ज्यादातर लोगों की सोच अब बदल चुकी है। जिस वक्त किम जोंग उन ने सत्ता संभाली थी तो देश के लोगों खासतौर पर युवाओं को इस बात की उम्मीद थी कि किम के शासन संभालने के बाद देश के हालात में सुधार होगा।
इसकी भी दो बड़ी वजहें थीं। इसमें पहली वजह थी उनका युवा होना तो दूसरी वजह थी उनका विदेश से पढ़ाई करना। दोनों ही बातें उत्तर कोरिया के लोगों की उम्मीद बांधे रहती थीं। लेकिन किम उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके बल्कि इन लोगों की भाषा में कहें तो किम क्रूरता और तानाशाही में अपने पिता और दादा से भी कहीं आगे निकल गए। यही वजह थी कि कुछ लोगों ने उत्तर कोरिया से भागने में ही अपनी भलाई समझी। आज ये लोग विभिन्न देशों में अपनी जिंदगी काट रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने ऐसे 25 लोगों से बात की है।
2014 में देश छोड़ने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि उसको सैलरी के महज 3500 वॉन मिलते थे। लेकिन यह रकम इतनी भी नहीं थी कि एक किलो चावल भी वह खरीद सके। यही वजह थी कि घर चलाने के लिए वह रात में स्मगलिंग करता था। वह रात के अंधेरे में हर्बल मेडिसिन चीन भेजता था इसके बदले में वहां से घर की जरूरी चीजें मंगाता था।
वर्ष 2014 में उत्तर कोरिया से भागी एक 29 वर्षीय मां ने बताया कि किम के देश का प्रमुख बनने पर उन्हें उम्मीद थी कि उनके दिन सुधर जाएंगे और अच्छे दिन आएंगे। उस वक्त एक ऐसोसिएशन के माध्यम से उन्हें राशन, मीट, मछली दी जाती थी। इन लोगों का कहना है कि किम के सत्ता संभालने के बाद एक गीत ‘फुटस्टॉप’ सभी को याद करना था। इसमें कहा गया था कि किम अपने पिता और दादा के पदचिंहों पर चलते हुए देश को सुनहरे कल तक लेकर जाएंगे।
43 वर्षीय एक व्यक्ति, जो वर्ष 2015 में उत्तर कोरिया से भागे थे, ने बताया कि उन्हें बताया जाता था कि किम कितने महान व्यक्ति हैं। उन्हें यह भी बताया जाता था कि महज पांच वर्ष की उम्र में वह घोड़ा चलाया करते थे और महज तीन वर्ष की आयु में वह गोली चलानी सीख गए थे। इन बातों पर विश्वास करना बेहद मुश्किल था, लेकिन यदि आप हंसे या आपने सवाल किया तो आपको मार दिया जाता था।
37 वर्षीय एक युवा छात्र ने किम के बारे में बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी में किम की महानता के बारे में बताया जाता था। यह छात्र 2013 में देश छोड़ने में कामयाब हुआ। जब वह दूसरे वर्ष में था तब उन्हें किम के बारे में बताया गया था। उसे लगता था कि जैसे कोई उसके साथ मजाक कर रहा है।
2014 में देश छोड़ने वाले एक ड्रग डीलर के मुताबिक उन्हें किम से काफी उम्मीदें थीं। वह देश के युवा नेता था। उन्हें लगता था किम के आने के बाद उत्तर कोरिया के दरवाजे अन्य देशों के लिए खुल जाएंगे। लेकिन किम के सत्ता पर काबिज होने के बाद गुजारे वह तीन साल बहुत कठिन थे। इन्हें बयान कर पाना भी काफी मुश्किल है। इस दौरान जिंदगी बेहद मुश्किल थी।
एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि वह अपना स्कूल छोड़ चुका था। घर की हालत बेहद खराब थी। उसके पिता की तबियत इस कदर खराब हो चुकी थी कि वह काम नहीं कर सकते थे। ऐसे में घर चलाने के लिए उसने एक सैलून खोला जिसमें महिलाओं के बाल घुंघराले बनाने के लिए 50 चीनी युआन और रेगुलर के लिए तीस युआन लिए जाते थे। लेकिन लोगों के पास इतना पैसा भी नहीं होता था, लिहाजा जीवन काटना बेहद मुश्किल था।
ऐसा ही कुछ 40 वर्षीय एक कंस्ट्रक्शन वर्कर ने भी बयान किया। वह 2015 में प्योंगयोंग से भागने में सफल हुआ था।
इस व्यक्ति ने बताया कि उसने देश से बाहर कंस्ट्रक्शन काम में मजदूरी के लिए सौ डॉलर की घूस दी थी, जिसके बाद उसको सेंट पीट्सबर्ग में काम मिल गया। वह कंस्ट्रक्शन साइट पर ही रहकर सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक काम करता था। सप्ताह में सात दिन काम होता था लेकिन वह रविवार को एक घंटा पहले ही काम बंद कर देता था। उसको जब पहली बार काम के एवज में हजार रूबल मिले तो वह बाजार गया। वहां पर उसने देखा कि एक बीयर की बोतल की कीमत वहां 25 रूबल है। तब वह खुशी से चहक उठा था। उसको लगता था कि वह काफी अमीर हो गया है।
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