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ड्रैगन की चालबाजी पर फिरा पानी, अमेरिकी हस्तक्षेप से यूएई में चीन के गुप्त सैन्य अड्डे का काम रुका

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चीन चोरी-छिपे सैनिक अड्डे का निर्माण करा रहा था। अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद अब यह निर्माण रोक दिया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि यूएई के अधिकारी इससे अनभिज्ञ थे।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 07:34 PM (IST)
ड्रैगन की चालबाजी पर फिरा पानी, अमेरिकी हस्तक्षेप से यूएई में चीन के गुप्त सैन्य अड्डे का काम रुका
अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद यूएई में चीन के सैन्य अड्डे का काम रुका।

नई दिल्ली, आइएएनएस। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चीन चोरी-छिपे सैनिक अड्डे का निर्माण करा रहा था। अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद अब यह निर्माण रोक दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि यूएई के अधिकारी इससे अनभिज्ञ थे। दी गार्डियन ने खबर दी है कि अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों को इसी वर्ष निर्माण कार्य के सुबूत मिले। गुप्तचर एजेंसियों ने पाया कि यूएई में चीन गुप्त सैनिक ठिकाना तैयार करा रहा है।

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वाल स्ट्रीट जर्नल ने खबर दी है कि उपग्रह से प्राप्त खलीफा बंदरगाह के चित्रों से पता चला कि एक कंटेनर टर्मिनल के भीतर संदिग्ध निर्माण चल रहा है। यह निर्माण कार्य एक चीनी जहाजरानी कारपोरेशन कोस्को करा रहा था। एक बहुमंजिली इमारत के लिए बड़े पैमाने पर उत्खनन कराया जा रहा था। छानबीन से बचने के लिए स्थल को छिपाकर रखा गया था।

यूएई के अधिकारियों को इस चीन की सैन्य गतिविधि की कोई जानकारी ही नहीं थी

बाइडन प्रशासन ने यूएई के अधिकारियों के साथ आपात बातचीत की। अधिकारियों को इस चीन की सैन्य गतिविधि की कोई जानकारी ही नहीं थी। मई और अगस्त में जो बाइडन और अबू धाबी के युवराज मुहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के बीच सीधी बातचीत हुई थी। सितंबर में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान और व्हाइट हाउस में पश्चिम एशिया समन्वयक ब्रेट मैकगुर्क यूएई गए और अमीरात के अधिकारियों के सामने अमेरिकी गुप्तचर का ब्योरा पेश किया।

अमेरिकी अधिकारियों के खलीफा स्थल का निरीक्षण करने के बाद निर्माण कार्य रुका

इस सप्ताह मैकगुर्क युवराज से मिलने आए। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा खलीफा स्थल का निरीक्षण करने के बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया। यह रिपोर्ट चीनी नौसेना द्वारा जिबूती में अपना अड्डा बना लेने के चार साल बाद सामने आई है। चीन ने जिबूती में देश से बाहर अपना पहला सैनिक अड्डा बनाया है, जो दोरालेह में बीजिंग संचालित व्यावसायिक बंदरगाह के भीतर स्थित है।


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