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चीन में चिनफिंग का जादू, एक बार फिर राष्ट्रपति बनने का मिल सकता है मौका

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को दोबारा मौका मिल सकता है। इसके साथ ही वो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के आजीवन चेयरमैन भी बनाए जा सकते हैं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 01:05 PM (IST)
चीन में चिनफिंग का जादू, एक बार फिर राष्ट्रपति बनने का मिल सकता है मौका

नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ] ।  चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का 19वां सम्मेलन बुधवार से शुरू हो रहा है। पांच वर्षों में होने वाले इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को और अधिकार दिए जाने की तैयारी है। इसके अलावा पांच साल के लिए उनके दूसरे कार्यकाल की भी पुष्टि की जाएगी। एक हफ्ते तक चलने वाले सम्मेलन में चिनफिंग के साथ काम करने के लिए नई पीढ़ी के नेताओं का चुनाव किया जाएगा। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के प्रवक्ता तुओ झेन ने बताया कि सम्मलेन के प्रमुख एजेंडे को तय करने के लिए चिनफिंग की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक की गई। इसमें पार्टी के 2,307 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें 243 सदस्यों वाले सम्मेलन के प्रेसीडियम को मंजूरी दी गई।

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सम्मेलन के एजेंडे में पिछले पांच वर्षों में हासिल की गई प्रगति की रिपोर्ट की समीक्षा शामिल है। इसके अलावा पार्टी के संविधान पर भी चर्चा होगी और उसमें संशोधन को मंजूरी दी जाएगी। संभवत: 15 वर्षों में पहली बार है जब तीन सत्ता केंद्रों का प्रमुख कोई चीनी नेता पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरा कार्यकाल शुरू करेगा। चिनफिंग राष्ट्रपति होने के साथ-साथ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और केंद्रीय सैनिक आयोग के अध्यक्ष भी हैं।

भारत के लिए भी अहम
कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन पर भारत की भी नजर रहेगी। यह ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद हाल ही में दूर किया गया है। इसके अलावा चीन सीमा पर डेसपांग, चुमार और पैनगोंगत्सो में चीन द्वारा सीमा संबंधी अतिक्रमण की घटनाएं हुई हैं। पिछली बार 18वीं कांग्रेस के दौरान चिनफिंग ने विकास के मामलों को त्यागते हुए चीन के प्रमुख हितों की रक्षा का संकल्प लिया था।

चिनफिंग और चीन
- राष्ट्रपति शी चिनफिंग को माओत्से तुंग के बराबर का दर्जा दिया जा सकता है।
- कम्युनिस्ट पार्टी के संविधान में चिनफिंग के सिद्धांतों को शामिल किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ली केकियांग के कार्यकाल को भी पांच साल का विस्तार मिलेगा।
- कम्युनिस्ट पार्टी के 2000 प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
- नौ करोड़ कैडर में से चुने गए प्रतिनिधि अगले पांच साल के लिए चीन की दिशा तय करेंगे।
- पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सात में पांच सदस्य रिटायर हो सकते हैं।
- 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो और उसकी स्थायी समिति में चिनफिंग के करीबियों को जगह मिल सकती है।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर चीन के समक्ष कई चुनौतियां हैं।

जानकार की राय
Jagran.Com से खास बातचीत में चीन मामलों के जानकार डॉ. एच सी सिंह ने कहा कि शी की तरक्की को आप एक सतत विकास के रूप में देख सकते हैं। चीन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सख्त रुख की वजह से आम लोगों में शी चिनफिंग लोकप्रिय हैं। अगर उन्हें आजीवन चेयरमैन बनने का मौका मिलता है तो इसका अर्थ ये होगा कि उन्होंने अपनी स्वीकार्यता पार्टी के अंदर बढ़ाई है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में चीनी दखल को वहां की जनता शी की कामयाबी के तौर पर देख रही है। चीन के लोगों का मानना है कि शी चिनफिंग सफलतापूर्वक अपनी विस्तारवादी नीति को अमल में लाने में कामयाब रहे हैं।

चिनफिंग के करीबी को सैनिक आयोग में जगह
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी झांग योउशिया को प्रोन्नति देकर चीन के केंद्रीय सैनिक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। चिनफिंग सेना पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। वह आयोग के अध्यक्ष होने के साथ-साथ राष्ट्रपति और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, 67 वर्षीय झांग युद्ध का अनुभव रखने वाले कुछ वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों में हैं। वह अभी 11 सदस्यीय सैनिक आयोग में आठवें रैंक के सदस्य हैं। झांग को कम्युनिस्ट पार्टी के 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में भी प्रोन्नति मिलने की संभावना है। वह आयोग में उपाध्यक्ष के तौर पर फान चांगलोंग का स्थान लेंगे।

चांगलोंग बुधवार से होने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन के दौरान सेवानिवृत्त हो सकते हैं। दूसरे उपाध्यक्ष शु किलियांग पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है। चिनफिंग और झांग दोनों शांक्सी प्रांत से आते हैं। दोनों के पिता ने 1940 के दशक में गृह युद्ध के दौरान साथ लड़ाई लड़ी थी। कम्युनिस्ट पार्टी सैनिक आयोग में उपाध्यक्षों की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके अलावा सदस्यों की संख्या घटाने का भी प्रस्ताव है। अभी आठ सदस्य हैं। 2012 में सत्ता संभालने के बाद चिनफिंग ने आयोग और सेना में फेरबदल किए हैं। उन्होंने सेना को भ्रष्टाचार मुक्त और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।


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