ओबामा की किताब A Promised Land में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की हुई तारीफ, पहले हुई थी राहुल पर टिप्पणी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा आजकल पूरी दुनिया की मीडिया की सुर्खियां बने हैं। इसकी वजह है उनकी किताब A Promised Land इसमें उन्होंने पूर्व भारतीय पीएम मनमोहन सिंह की तारीफ की है। इससे पहले उन्होंने इसी किताब राहुल गांधी का भी जिक्र किया है।
वाशिंगटन (रॉयटर)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब ए प्रॉमिस्ड लैंड (A Promised Land) में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान से हालात खराब होने के बावजूदा उन्होंने काफी संयम बरता। लेकिन इसकी कीमत उन्हें सत्ता से बाहर जाकर चुकानी पड़ी। आपको बता दें कि बराक ओबामा वर्ष 2009 से 2017 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे। उनके पहले कार्यकाल में भारत में डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सत्ता में थी। कुछ दिन पहले ही ओबामा ने कांग्रेस के नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक नर्वस और डरा हुआ छात्र बताया था। उन्होंने लिखा था कि वो एक ऐसे छात्र हैं जो अपने गुरू को प्रभावित करने की तो चाहत रखते हैं लेकिन उनमें सीखने और इसकी योग्यता की कमी दिखाई देती है। ये भी इसी किताब का एक हिस्सा है। इसको लेकर पार्टी ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी।
किताब से चर्चा में आए ओबामा
गौरतलब है कि अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कुछ दिनों से अपनी किताब को लेकर काफी चर्चा में हैं। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद ये पहला मौका है जब इस कदर पूरी दुनिया की मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। राहुल के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर लिखे उनके विचार सामने आने के बाद कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने ट्वीट किए हैं। इसमें उन्होंने लिखा है कि उन्हें ओबामा की एक लिखी किताब की एक कॉपी मिली है, जिसके उन्होंने हर पेज को बेहद बारीकी से पढ़ा और समझा है। इसमें उन्होंने ये भी लिखा है कि पूरी किताब में कहीं भी पीएम नरेंद्र मोदी का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रमुख आआर्किटेक्ट रहे मनमोहन
बराक ओबामा ने अपनी इस किताब में मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए लिखा है कि 1990 के बाद वो लगातार भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में जुटे रहे। वो भारत की अर्थव्यवस्था को ऊंचाई पर ले जाने वाले प्रमुख आर्किटेक्ट बने। देश की सत्ता के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने वाले वो पहले सिख धर्म को मानने वाले व्यक्ति थे। इससे उन्होंने सिख समुदाय का भी मान बढ़ाया। सत्ता के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने के बाद भी उनकी छवि पूरी तरह से बेदाग बनी रही। उन्होंने पद, प्रतिष्ठा और उसकी गरिमा को हर कीमत पर बनाए रखा और लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।
मनमोहन को चुकानी पड़ी शालीनता की कीमत
ए प्रॉमिस्ड लैंड में उन्होंने उन पलों का भी जिक्र किया है जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बिताए। उन्होंने इसमें उनकी एक शालीन छवि की भी तारीफ की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारत पर पाकिस्तान के आतंकी हमलों के बाद जब सख्त जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही थी तब उन्होंने इसका विरोध किया था। ऐसे में उन्होंने अपना संयम नहीं खोया। हालांकि राजनीतिक जमीन पर इसकी उन्हें कीमत भी चुकानी पड़ी। पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई न करने की वजह से जनमानस में एक पार्टी विरोधी भावना पैदा हुई जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। उन्होंने ये भी लिखा है कि कई राजनीतिक पर्यवेक्षक इस बात को मानते हैं कि सोनिया गांधी ने एक पीएम के तौर पर उनका सही चुनाव किया था। इसकी एक बड़ी वजह ये भी थी कि वो बुजुर्ग तो थे ही साथ ही उन्हें राजनीति का कोई विशेष अनुभव भी नहीं था। ऐसे में वो भविष्य में राहुल गांधी के लिए खतरा भी नहीं बन सकते थे।
किताब से कांग्रेस में गहमागहमी
बराक ओबामा की इस किताब पर कांग्रेस के अंदर बड़ी गहमागहमी चल रही है, खासतौर पर राहुल गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसको एक प्रोयोजित एजेंडा करार दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि किसी व्यक्ति की किताब में दर्ज राय पर उनकी पार्टी कोई टिप्पणी नहीं करती है।