किसी भी रूप में नहीं होगा राज्य का बंटवारा : दिलीप घोष
- केंद्र के साथ मुख्यमंत्री को मिलकर समस्या के समाधान करने की जरूरत - सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन च
- केंद्र के साथ मुख्यमंत्री को मिलकर समस्या के समाधान करने की जरूरत
- सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के गोरखालैंड समर्थन का अपना निजी बयान
संवादसूत्र, मालदा : किसी भी रूप में राज्य का बंटवारा नहीं होगा। भाजपा किसी जाति या भाषा समुदाय के आधार पर अलग राज्य के पक्ष में नहीं है। पहाड़ मुद्दे पर सुर बदलते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ये बातें कहीं। वे शुक्रवार को मालदा में पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्होंने श्यामा प्रसाद स्क्वायर में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा- 'हम पहाड़ पर शांति एवं विकास के पक्ष में हैं। साथ ही हम गोरखाओं की उन्नति भी चाहते हैं।' पहाड़ मुद्दे पर दिलीप घोष ने राज्य सरकार के साथ ही गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की कड़ी आलोचना की। इस दिन उन्होंने अलग गोरखा लैंड की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग पहाड़ पर अशांति फैला रहे हैं। ऐसी स्थिति में पहाड़ की समस्या के समाधान के लिए त्रिपक्षीय बैठक ही एक मात्र रास्ता है।
इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते उन्होंने गोरखालैंड मुद्दे पर सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के दिए गए बयान के बारे में कहा कि पवन चामलिंग भाजपा दल के सदस्य नहीं है। वह केंद्र सरकार के सहयोगी दल के रूप में है। वे गोरखालैंड का समर्थन करते है या फिर नहीं। इससे कुछ आता जाता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ में जिस प्रकाश से अशांत का माहौल चल रहा है। इस समस्या का समाधान मुख्यमंत्री को करना होगा। पहाड़ जल रहा है और मुख्यमंत्री विदेश भ्रमण कर रही है। उन्हें चाहिए कि वह कोलकाता आकर सर्वदलीय बैठक बुलाए। जीटीए को छोड़ने को विमल गुरूंग पर उन्होंने कहा कि जीटीए की मियाद खत्म हो चुकी है। यह केवल दिखावा है। आंतरिक रूप से इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलाने की जरूरत है। जिसमें राज्य भाजपा शामिल होगी। आने वाले दिनों में भाजपा बंगाल का भविष्य है। प्रतिदिन विभिन्न दलों से हजारों समर्थक भाजपा में शामिल हो रहे है।