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ममता ने दी आंदोलन की चेतावनी

कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हो रही हैं। गुरुवार को उन्होंने साफ-साफ चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली जाकर वह खुद आंदोलन करेंगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2015 04:09 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2015 04:14 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हो रही हैं। गुरुवार को उन्होंने साफ-साफ चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दिल्ली जाकर वह खुद आंदोलन करेंगी। ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बार-बार 20 से 30 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा कर मीडिया की सुर्खियां बटोरती है, लेकिन एक अठन्नी तक नहीं देती है। मीडिया भी केवल घोषणाओं का कवरेज करती है, लेकिन पैसे नहीं मिलने पर उसका कोई खबर नहीं दिखाती है। केंद्र सरकार पहले धन आवंटित करे, उसके बाद इसकी घोषणा करे। बंगाल के प्रति केंद्र सरकार का यही रवैया रहा तो मजबूरन दिल्ली जा कर बड़े पैमाने पर आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से धन नहीं मिलने के कारण एक-एक कर परियोजनाएं बंद होती जा रही हंै।

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राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय स्थिति को लेकर जमकर भड़ास निकाला और कहा कि अधिकांश जगहों की सड़कों का बुरा हाल है। कृष्णानगर, कल्याणी, मालदा, उत्तर बंगाल, रानाघाट व झाडग़्र्राम सहित एनएचआई के अंतर्गत आने वाली सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है। बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। आये दिन दुर्घटना होती है। अगर केंद्र सरकार एनएच प्रबंधन की मनमानी नहीं रोक सकती तो सड़कों की जिम्मेदारी और उसकी मरम्मत के लिए मिलने वाली राशि राज्य को दे दे।

बैंकिंग सेक्टर को भी जमकर कोसा। कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड पर कोई लोन नहीं दिया जा रहा है। दूसरे राज्यों को 70 से 80 फीसद तक लोन दिया जाता है, लेकिन बंगाल को 17 से 20 फीसद ही लोन दिया जाता है। यह भेदभाव बर्दास्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यहां के बैंकों के साथ पूरा सहयोग करती है। मोटा व्यवसाय देती है। ऐसे में बैंकों का फर्ज बनता है कि वह राज्य सरकार का भी सहयोग करे।

दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में प्रशासनिक बैठक बुलाई थी। बैठक में राज्य के सभी मंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ ही सभी विभागों के सचिव व जिले के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने अधिकारियों को सभी घोषित परियोजनाओं का कार्य विधानसभा चुनाव से पहले समाप्त करने का निर्देश दिया। साथ ही पिछले चार वर्षों में किस-किस विभाग में कार्य के लिए कितना आवंटित हुआ और कितना खर्च हुआ इसका विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।

संवाददाता सम्मेलन कर कहा मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार केंद्र सरकार की उपेक्षा का बावजूद शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। साल 2014-15 कलेंडर वर्ष में विभिन्न क्षेत्रों में सरकार ने 99 से 100 फीसद तक काम पूरा किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वर्ष में दो बार इसी प्रकार की रिव्यू मीटिंग करती हैं।


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