बंद से मुकाबला के लिए डटी सरकार, अनुपस्थित रहने पर कर्मियों का कटेगा वेतन
एसयूसीआइ 1-8 वीं कक्षा में पास-फेल प्रणाली लागू करने की मांग पर 17 जुलाई को राज्य में 12 घंटे आम हड़ताल की घोषणा की है।
कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआइ) 1-8 वीं कक्षा में पास-फेल प्रणाली लागू करने की मांग पर 17 जुलाई को राज्य में 12 घंटे आम हड़ताल की घोषणा की है। शिक्षा पर आंदोलन करने वाली वामपंथी पार्टी एसयूसीआइ ने हड़ताल को सफल करने की तैयारी शुरू कर दी है। एसयूसीआइ ने बुधवार को ही सिलीगुड़ी में साइकिल रैली आयोजित की थी। साइकिल रैली नौकाघाट से शुरू हुई थी जो विभिन्न भागों से होकर बाघा जतिन पार्क में जाकर संपन्न हुई। हड़ताल को सफल बनाने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में माइक से प्रचार भी किया गया।
एसयूसीआइ ने इस संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 1-8वीं कक्षा तक पास-फेल उठ जाने से शिक्षा का स्तर गिर रहा है। एसयूसीआइ के जिला सचिव गौतम दास ने कहा कि 1 से 8 वीं कक्षा तक पास- फेल सिस्टम को हटा देने से छात्रों की मानसिक रूप से पढ़ाई में रूचि घटी है।
एसयूसीआइ पिछले कई सालों से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा को बचाने के लिए काम कर रही है। पास- फेल सिस्टम को पुन: शुरू करने के लिए उनके आंदोलन को कई गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने समर्थन किया है।
इधर सरकार भी एसयूसीआइ की हड़ताल से मुकाबला के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही घोषणा की है कि वह राज्य में बंद हड़ताल बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए जब भी कोई पार्टी बंद या हड़ताल बुलाती है तो सरकार प्रशासनिक स्तर पर उसका मुकाबला करती है। 17 को भी जनजीवन सामान्य रखने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। नवान्न की ओर से विज्ञप्ति जारी कर 17 को सभी सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जो कर्मचारी उस दिन उपस्थित नहीं होंगे उनको पहले शोकॉज किया जाएगा और उचित जवाब न हीं मिलने पर एक दिन का वेतन कटेगा। अनुपस्थित रहनेवाले कर्मियों के सर्विस रिकार्ड भी प्रभावित होगा।
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