ममता ने कहा- प्रवासी श्रमिक बंगाल लौट आएं, देगे 200 दिनो का कार्य
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल मे रहने वाले अन्य राज्यों के लोगों को लेकर कहा कि आप यह मत भूलें कि अन्य राज्यों के लोग जो यहां रह रहे है वे बंगाल को अपना राज्य मानते है।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के प्रवासी श्रमिको को बंगाल लौटने का आह्वान किया है।
राजस्थान की घटना को लेकर मंगलवार को पुरुलिया जिले के कोटशिला मे सभा से सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य मे काम की कोई कमी नही, कोई यदि वापस लौटता है तो सरकार उसे सभी प्रकार की सहायता देगी। उन्होंने ऐसे श्रमिको को रोजगार हेतु तत्काल 50 हजार रुपये देने का भी आश्वासन दिया।
सुश्री बनर्जी ने कहा जो लोग कही और काम करने के लिए चले गए है और उन्हें किसी भी प्रकार का भय हो तो राज्य मे उनका स्वागत है। मै उनके लिए काम की गारंटी दूगी। यदि आवश्यक हुई तो ऐसे लोगों के लिए साल में 200 दिन रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा।
इस बाबत ममता ने कहा, मैने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रवासी मजदूरों के लिए कम से कम 100 दिन रोजगार गारंटी की व्यवस्था करे। उन्होने कहा कि राजस्थान मे राज्य के एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया जबकि देश मे किसी को भी कही जाने की इजाजत है।
उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह मालदा के मजदूर अफराजुल खान की राजसमंद मे निर्मम तरीके से जिंदा जलाए जाने की घटना प्रकाश मे आई थी। पीडि़त परिवार को राज्य सरकार की ओर से तीन लाख का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है। इस वारदात को लेकर राज्य मे तृणमूल कांग्रेस, माकपा और कांग्रेस की ओर से विरोध जुलूस भी निकाला गया था।
वही मंगलवार को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल मे रहने वाले अन्य राज्यों के लोगों को लेकर कहा कि आप यह मत भूलें कि अन्य राज्यों के लोग जो यहां रह रहे है वे बंगाल को अपना राज्य मानते है। लगे हाथ ममता ने सभा मंच से भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यो मे भगवा पार्टी का शासन है, वहां अल्पसंख्यको को निशाना बनाया जाता है लेकिन हमारे राज्य मे ऐसा नही होता, यहां हर कोई सुरक्षित है।
ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनकी सरकार मे पुरुलिया जिले के विकास को लेकर कई कार्य किए गए है। उन्होने कहा कि माओवाद प्रभावित इस जिले मे आज विकास चारो ओर है और अब यहां शांति कायम है। उन्होने कहा कि पुरुलिया के तर्ज पर भाजपा शासित पड़ोसी राज्य झारखंड प्राकृतिक संपदा संपन्न होते हुए भी विकास के मामले मे बंगाल से काफी पीछे है।