हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन की वैधता पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका
जागरण संवाददाता, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित वेस्ट बंगाल हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन की
जागरण संवाददाता, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित वेस्ट बंगाल हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन की वैधता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसकी वैधता पर पीपल फॉर बेटर ट्रीटमेंट (पीबीटी) की तरफ से कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। आगामी 4 अगस्त को हाईकोर्ट की कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे व न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन को लेकर अधिवक्ता श्रीकांत दत्ता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक अन्य जनहित याचिका दायर की है। इस मामले को भी पीबीटी द्वारा दायर मामले के साथ जोड़ दिया गया है। हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन पैनल से डा. सुकुमार मुखोपाध्याय को हटाने के लिए गत 15 जून को पश्चिमबंग के स्वास्थ्य सचिव को पीबीटी ने ई-मेल के माध्यम से आवेदन किया था। आवेदन में यह भी कहा गया था कि दोषी पाए गए इस डाक्टर को अगर हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन के पद से नहीं हटाया जाता है तो कानूनी सहायता ली जाएगी। इस संबंध में पीबीटी के अध्यक्ष डाक्टर कुणाल साहा ने कहा कि डा. सुकुमार मुखोपाध्याय को मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने दोषी करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस डा. को दोषी घोषित किया था। दोषी घोषित इस डाक्टर को हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन में शामिल कर संविधान का उल्लंघन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की भी अवमानना की गई है। दोषी यह डा. कैसे किसी अस्पताल के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर सकता है। ऐसे डाक्टर को नियुक्त कर यह कमीशन कैसे वैध हो सकता है।