यूएनओ से पुरस्कृत 'कन्याश्री' को स्कूलों में पढ़ेंगे बच्चे
जागरण संवाददाता, कोलकाता : संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा बंगाल सरकार की योजना कन्याश्री को पुरस्कार व स्
जागरण संवाददाता, कोलकाता : संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा बंगाल सरकार की योजना कन्याश्री को पुरस्कार व स्वीकृति मिलने के बाद इसे स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। हालांकि वर्तमान में माध्यमिक के पाठ्यक्रम में कन्याश्री योजना शामिल है। पर अब सरकार उसी पाठ्यक्रम में यूएनओ की ओर से कन्याश्री को स्वीकृति मिलने की 2-3 लाइनें जोड़ने की योजना बनाई है। इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने खुद दी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सिलेबस कमेटी को प्रस्ताव दिया गया है। आगामी बुधवार को कमेटी ने इस मुद्दे पर विशेष बैठक बुलाई। बैठक में यह निर्णय किया जाएगा कि इसे कहां और किस तरह से जोड़ा जाए, ताकि छात्र-छात्राएं कन्याश्री में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्य सरकार के योगदान को पढ़ सकें। सिलेबस कमेटी के चेयरमैन अभिक मजूमदार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा कन्याश्री को स्वीकृति मिलना बेहद गर्व की बात है। राज्यवासी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हाथ पकड़कर सम्मानित हुए हैं। उन्होंने भी कहा कि अभी माध्यमिक के पाठ्यक्रम में कन्याश्री का उल्लेख है। अब इसकी स्वीकृति को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 11वीं व 12वीं के सिलेबस में भी इसे शामिल किया जा सकता है कि नहीं। अगर किया जाता है तो कहां और कैसे इन तमाम विषयों पर आगामी बुधवार की बैठक में चर्चा होगी। आगामी शिक्षा वर्ष से हीं छात्र-छात्राएं राष्ट्रसंघ द्वारा कन्याश्री की स्वीकृति की कहानी को पढ़ पाएंगे।
ज्ञात हो कि 63 देशों के 167 परियोजनाओं में पश्चिम बंगाल सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना को प्रथम स्थान मिला था। गत 23 जून को राष्ट्रसंघ के पब्लिक सर्विस डे कार्यक्रम के मौके पर बंगाल की इस परियोजना की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रसंघ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पुरस्कृत भी किया था। इसके बाद ही राज्य सरकार ने इस स्वीकृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की है।
गौरतलब है कि नाबालिग लड़कियों की पढ़ाई बंद कर उसकी शादी को रोकने के उद्देश्य से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कन्याश्री परियोजना को शुरू की थी। इसकी वजह से स्कूली पढ़ाई छोड़ने वाली छात्राओं की संख्या में काफी कमी आई है। कुछ दिनों पहले 40 लाख स्कूली छात्राओं को स्कॉलरशीप दिया गया है। जिस परिवार का वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रुपये से कम है उसे राज्य सरकार कन्याश्री परियोजना के तहत स्कॉलरशीप देती है। ज्ञात हो कि इससे पहले राज्य सरकार ने सिंगुर आंदोलन की कहानी को पाठ्यक्रम में शामिल किया था।