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ममता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष ने दी नोटिस

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: नोटबंदी पर विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टी वाम

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 01:04 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 01:04 AM (IST)
ममता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष ने दी नोटिस

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: नोटबंदी पर विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टी वाममोर्चा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एकजुट करने की कोशिश की थी। पर, यह संभव होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि, मंगलवार को ममता सरकार के खिलाफ कांग्रेस व वाममोर्चा ने संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने की नोटिस दी है। विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान और वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने मंगलवार को विधानसभा में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी।

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मन्नान ने कहा कि सरकारी कर्मियों को डीए नहीं मिल रहा है। चिकित्सा व्यवस्था की स्थिति दयनीय है। मंत्रियों और विधायकों को भी कुछ होता है तो निजी अस्पतालों में भर्ती होना पड़ता है। इसका मतलब है सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था से भरोसा उठा गया है। आम लोग व गरीब सरकारी अस्पताल पर निर्भर हैं। लेकिन उन्हें सही चिकित्सा सेवा नहीं मिलती है। डेंगू से कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस पर नियंत्रण में सरकार विफल रही है। स्वास्थ्य के साथ शिक्षा का भी हाल बेहाल है। हर क्षेत्र में सरकार की विफलता के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया गया है। एक सवाल के जवाब में मन्नान ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का मतलब सरकार को सिर्फ गिराना ही नहीं होता है। जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर बहस होगी तो सबको अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। पिछले सत्र में भी विपक्ष को समय की कमी के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका नहीं है। इस बार भी समय कम है लेकिन विपक्ष को अपनी बात कहने और जनता की आवाज उठाने का अधिकार है। इसलिए सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया गया। बुधवार को सत्र शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय को तय करना है कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर बहस कराने के लिए कब समय निर्धारित करते हैं।

सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बहुत से कारण विद्यमान है। लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं की वसूली से सरकार चल रही है। आम जनता को राशन नहीं मिल रहा है और सरकार उत्सव मनाने और मेला आयोजित करने में व्यस्त है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस व वाममोर्चा को एकजुट होने की अपील की थी जिसे निश्चित तौर पर झटका लगा है।


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