संदिग्ध हालत में झुलसे मिले एक ही परिवार के चार सदस्य
जागरण संवाददाता, कोलकाता : बागुईआटी थानांतर्गत तेघरिया के मंडलपाड़ा इलाके में मंगलवार को संदिग्ध हालत
जागरण संवाददाता, कोलकाता : बागुईआटी थानांतर्गत तेघरिया के मंडलपाड़ा इलाके में मंगलवार को संदिग्ध हालत में झुलसे एक ही परिवार के चार सदस्यों को बरामद किये जाने की घटना प्रकाश में आई है। इसमें पांच महीने की एक बच्ची भी शामिल है। घायलों की पहचान अरूप नस्कर (46), पूर्णिमा नस्कर (39), अमित कुमार नस्कर (17) और छोटी (पांच माह) है। सभी को आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां अरूप, पूर्णिमा और छोटी की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि अमित सामान्य रूप से झुलसा है। उधर, प्राथमिक पड़ताल के बाद शक की सुई अरूण के बड़े बेटे अमित पर जाकर अटक गई है। पुलिस को भी आशंका है कि आग लगी नहीं, बल्कि लगाई गई है और यह काम अमित का हो सकता है। पुलिस अस्पताल पहुंच कर अमित से पूछताछ कर रही है।
जानकारी के मुताबिक तेघरिया के मंडलपाड़ा इलाके में अरूप अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ रहता है। मंगलवार की सुबह स्थानीय लोगों ने अचानक उसे जले अवस्था में चीखते-चिल्लाते हुए इधर-उधर भागते देखा। तत्काल लोग उसकी मदद को दौड़े। घर का दरवाजा खोला को अंदर पूर्णिमा जल रही थी। वहीं कुछ दूरी पर पांच माह की उसकी बेटी भी बुरी तरह झुलसे अवस्था में पड़ी थी। जबकि पास के ही कमरे में बड़ा बेटा अमित भी छटपटा रहा था। घटना की तुरंत सूचना पुलिस को दी गई। खबर पाते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
बड़े बेटे पर संदेह
स्थानीय लोगों की मानें तो अरूप का अपने बड़े बेटे अमित से अनबन चल रहा है। उनके बीच अक्सर झगड़ा हुआ करता था। सोमवार की रात भी अरूप और अमित के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद यह हादसा हुआ। उधर, पुलिस भी घर की तलाशी लेने के बाद वहां के हालात देखने के बाद आश्वस्त हो गई है कि आग लगी नहीं, बल्कि लगाई गई है। पुलिस की मानें घर के बाहरी हिस्से में ही आग लगी है। यहां तक की पर्दे तक सही सलामत हैं। अगर रसोई गैस सिलेंडर से आग लगी होती, तो पूरा घर चल गया होगा, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। यही कारण है कि पुलिस अस्पताल पहुंच कर अमित से पूछताछ कर आगजनी की रहस्यमयी घटना से पर्दा उठाने की कोशिश कर रही है।