कोलकाता में लड़कियों ने मारी बाजी
- लड़कियों का परिणाम 91.13 प्रतिशत जबकि लड़कों का परिणाम 90.09 प्रतिशत - लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का
- लड़कियों का परिणाम 91.13 प्रतिशत जबकि लड़कों का परिणाम 90.09 प्रतिशत
- लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का परिणाम 1.04 प्रतिशत बेहतर
नेहा सिंह, कोलकाता : संपूर्ण नतीजों में भले ही लड़के आगे हो मगर महानगर में लड़कियां, लड़कों से आगे हैं। यहां 91.13 प्रतिशत लड़कियां जबकि इससे कम 90.09 प्रतिशत लड़के सफल हुए हैं। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों का परिणाम 1.04 प्रतिशत बेहतर हैं। महानगर में टाप करने वाली भी एक छात्रा ही है।
इस वर्ष महानगर से 15123 (रेगुलर) छात्राओं ने माध्यमिक परीक्षा दी थी। इसमें से 15079 यानी 92.24 प्रतिशत छात्राएं उत्तीर्ण हुईं हैं। वहीं महानगर के 14442 लड़कों ने माध्यमिक परीक्षा दी थी, इसमें से 14390 यानी 91.74 छात्र उत्तीर्ण हैं। महानगर की छात्रा श्रीजीता दास ने सबसे अधिक 675 अंक प्राप्त कर महानगर में टाप किया है। उसके साथ श्रेयंस चटर्जी संयुक्त टापर है।
सफलता के लिए ध्यान
केन्द्रीत करना जरूरी
महानगर में टाप करने वाली एवं राज्य में नौवां स्थान पानी वाली छात्रा श्रीजीता दास का मानना है सफलता के लिए सबसे जरूरी है ध्यान केंद्रित करना। वह कहती है, आप चाहे कितने भी वक्त पढ़ाई करें मन से पढ़े। श्रीजीता ने बताया कि वह नियमित 7 से 8 घंटे तक पढ़ती थी, परीक्षा करीब आने पर 12 से 13 की पढ़ाई किया करती थी। उसका मानना है कि परीक्षा में शार्ट कट अपनाने से सफलता नहीं मिलती। सजेशन पढ़ने से अच्छा है पूरा कोर्स पढ़ें ताकि सवाल चाहे जहां से हो आप जवाब दे सकें। टीवी देखने की शौकीन श्रीजीता को कला से खासा लगाव है। चित्रकारी करना उसे बेहद पसंद है। आगे की पढ़ाई के साथ ही वह अपने इस शौक को भी जारी रखना चाहती है। उसका मानना है कि दबाव में आने के बजाय अच्छा है आप अपना लक्ष्य बना कर चलें।