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बदली बयार में वोटों की फुहार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव के पिछले तीन चरणों, खासकर तीसरे चरण, के मतदान में हुए ख

By Edited By: Published: Mon, 25 Apr 2016 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 25 Apr 2016 08:18 PM (IST)
बदली बयार में वोटों की फुहार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव के पिछले तीन चरणों, खासकर तीसरे चरण, के मतदान में हुए खून-खराबे, राजनीतिक संघर्ष, बूथों पर कब्जे की घटनाओं से इतर चौथे चरण में बंगाल के लोकतांत्रिक चेहरे पर जमी धूल काफी हद तक छंट गई और इसका वास्तविक रूप उभरकर सामने आया। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो चौथे चरण का मतदान कहीं ज्यादा शांतिपूर्ण, निर्बाध होने के साथ-साथ अनुशासित व लोकतांत्रिक रहा। उत्तर 24 परगना व हावड़ा जिले की 49 सीटों के लिए सोमवार को शाम पांच बजे तक कुल 78.04 फीसद वोट पड़े। उत्तर 24 परगना की 33 सीटों पर 79.16 फीसद व हावड़ा की 16 सीटों पर 75.46 फीसद मतदान हुआ। 2011 के विधानसभा चुनाव में इन दो जिलों में कुल 83.34 फीसद वोट पड़े थे। हावड़ा में 81.60 फीसद एवं उत्तर 24 परगना में 85.08 फीसद मतदान हुआ था। अंतिम आंकड़े मिलने पर यह पीछे छूट सकता है। सोमवार को चौथे चरण के मतदान के साथ ही तृणमूल सरकार के कई मंत्रियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। इनमें वित्तमंत्री अमित मित्रा, खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, पर्यटन मंत्री ब्रात्य बसु, कृषि विपणन मंत्री अरूप राय, सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी, कारा मंत्री हैदर अजीज सफवी व श्रममंत्री पूर्णेन्दु बसु शामिल हैं। राज्य के पूर्व खेल एवं परिवहन मंत्री मदन मित्रा, पूर्व वित्तमंत्री असीम दासगुप्ता, पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मीरतन शुक्ला, अभिनेत्री एवं भाजपा प्रत्याशी रूपा गांगुली, तृणमूल प्रत्याशी शुभ्रांशु राय जैसे हेवीवेट के भाग्य का भी फैसला होगा। इसी के साथ 216 सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया भी पूरी हो गई और अब 30 अप्रैल को पांचवें चरण में 53 एवं 5 मई को छठे एवं अंतिम चरण में 25 सीटों के लिए वोट पड़ेंगे।

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केंद्रीय बल के जवान रहे असली नायक

चौथे चरण के मतदान के असली नायक केंद्रीय बल के जवान रहे, जिनपर पिछले तीन चरणों में निष्क्रिय रहने के आरोप लगते आए थे। इस बार वे बेहद मुस्तैद दिखे। उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखां में 300 मतदाताओं को घर में रोककर रखा गया था। इसकी खबर मिलते ही केंद्रीय बल के जवान वहां पहुंचे और मतदान कराने को बूथों में ले गए। चुनाव आयोग ने भी इस बार विभिन्न मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की। मतदान के बाद मीडिया से मुखातिब राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि कुछेक छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान निर्बाध एवं शांतिपूर्ण रहा है। शाम तक तक आयोग के पास 4173 शिकायतें दर्ज हुई, जिनमें से 4023 का निपटारा कर दिया गया।

तीसरे चरण में एकबारगी चरम पर पहुंच गई थी हिंसा

तीसरे चरण के तहत उत्तर कोलकाता, मुर्शिदाबाद, नदिया व ब‌र्द्धमान की 62 सीटों के लिए हुए मतदान में हिंसा एकबारगी चरम पर पहुंच गई थी। हत्या, बमबाजी-गोलीबारी से लेकर कान काट देने, हाथों की अंगुलियों कुचल देने, हाथ-पैर तोड़ देने, सिर फोड़ देने से लेकर वो सबकुछ देखने को मिला था, जिसके लिए बंगाल हमेशा से कुख्यात रहा है। मतदान शुरू होने के कुछ देर बाद ही मुर्शिदाबाद में एक पोलिंग एजेंट की हत्या कर दी गई थी लेकिन इस बार बदली हुई बयार थी। सुबह सात बजे से मतदान शुरू होने के साथ ही बूथों में मतदाताओं की भीड़ उमड़ने लगी थी।

छिटपुट घटनाओं से अछूता नहीं रहा चौथा चरण भी

छिटपुट घटनाओं ने हालांकि चौथे चरण का भी दामन नहीं छोड़ा। कांचरापाड़ा के हालीशहर में घर में घुसकर वामो समर्थकदंपति को वोट देने नहीं जाने के लिए धमकाया गया। उनके साढ़े तीन साल के बच्चे को भी इस दौरान मारा-पीटा गया। आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा, हालांकि सत्तारूढ़ दल ने इसमें उसकी संलिप्तता से इन्कार किया। केंद्रीय चुनाव आयोग ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर उत्तर दमदम विधानसभा सीट से माकपा प्रत्याशी तन्मय भट्टाचार्य की गाड़ी पर हमला किया गया। माकपा प्रत्याशी को गाड़ी से उतारकर मारा-पीटा गया। उनके हाथ में गंभीर चोट लगी है। इस मामले में भी सत्तारूढ़ दल के समर्थकों पर ही आरोप लगा, जिसे तृणमूल की ओर से खारिज कर दिया गया। वहीं राज्य के पूर्व खेल व परिवहन मंत्री एवं कमरहट्टी विस क्षेत्र में अलग नजारा देखने को मिला, जहां तृणमूल प्रत्याशी मदन मित्रा के लिए वीरभूम जिले के सिउड़ी से उनके बेहद 'करीबी' आशीष दे को आकर वोट कराते देखा गया। वे मतदाताओं को ग्लूकोज पिलाते भी नजर आए। पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे मदन दा के लिए वोट कराने आए हैं। दूसरी ओर उत्तर हावड़ा से भाजपा प्रत्याशी रूपा गांगुली के एक बूथ में तृणमूल कांग्रेस की महिला समर्थक को तमाचा मारने का आरोप लगा है। तृणमूल ने आयोग से इसकी शिकायत की है और थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई है। रूपा ने इस आरोप से इन्कार करते हुए कहा कि जब वे विभिन्न बूथों पर मतदाताओं की शिकायतें जानने जा रही थीं, उस समय तृणमूल आश्रित गुंडों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। उनपर झूठा आरोप लगाया गया है। भाटपाड़ा विस क्षेत्र के एक बूथ में तृणमूल प्रत्याशी अर्जुन सिंह की प्रेसाइडिंग आफिसर से तीखी बहस हुई। वहीं राजारहाट-गोपालपुर विस क्षे िके बागुइआटी के एक बूथे में श्रम मंत्री व तृणमूल प्रत्याशी पूर्णेन्दु बसु केंद्रीय बल के जवानों से उलझ पड़े। जवान मतदाताओं का परिचय पत्र देख रहे थे, जिसपर पूर्णेन्दु बसु ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह काम जवानों का नहीं है।


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