सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की मांग नामंजूर
बाढ़ नियंत्रण पर सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास पर चर्चा के लिए शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। बाढ़ नियंत्रण पर सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास पर चर्चा के लिए शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। विपक्षी दलों द्वारा राहत सामग्री बांटने के लिए जिला व ब्लाक स्तर पर सर्वदलीय कमेटी गठित करने व इसमें सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की गई. जिसे सरकार की ओर से खारिज कर दिया गया।
बैठक के बाद राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि पीडि़त लोगों में राहत सामग्र्री बांटने के दौरान किसी भी तरह की कोई परेशानी अथवा गड़बड़ी सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि सभी पीडि़तों तक डीएम, एसपी एवं बीडीओ के माध्यम से आवश्यक सामान पहुंचाया गया लिहाजा सर्वदलीय कमेटी गठित करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। जानकारों की राय में ऐसा नहीं कर सरकार राहत सामाग्री वितरण को पूरी तरह से अपने अधिकार में रखना चाहती है और इसका श्रेय विरोधी दलों को नहीं देना चाहती।
दूसरी ओर, इस दिन बैठक में सभी विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के शामिल नहीं होने पर विपक्ष ने इसे परिषदीय दल की नेताओं की बैठक करार दिया। विपक्ष की ओर से माकपा के राज्य सचिव व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत मिश्रा ने सूबे की सभी छोटी-बड़ी पार्टियों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की। इस पर सरकार की ओर से सहमति जताते हुए 16 अगस्त को एक बार फिर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही गई। मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार जो बाढ़ नियंत्रण पर खर्च का ब्योरा पेश कर रही है, उसका विस्तार से विवरण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो जानकारी दी गई है, उसके अनुसार बाढ़ नियंत्रण पर 992 करोड़ खर्च करने का दावा किया जा रहा है, जिसपर सहज ही विश्वास कर पाना संभव नहीं। बाढ़ राहत के लिए माकपा द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष से फंड की मांग से मिश्रा ने साफ इन्कार किया।
उन्होंने कहा कि उनके आंकलन के अनुसार राज्य में बाढ़ से करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई है। मिश्रा ने सरकार से सभी विपक्षी नेताओं के साथ एक बार फिर बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्वदलीय जांच टीम भेजे जाने की भी मांग की, जिससे जमीनी हकीकत का पता चल सके।
उल्लेखनीय है कि बैठक में विपक्षी माकपा की ओर से सूर्यकांत मिश्रा, भाजपा के शमिक भïट्टाचार्य, कांग्रेस की ओर से मोहम्मद शोहराब, एसयूसीआइ के वरुण नस्कर, फारवर्ड ब्लाक के विश्वनाथ ताड़क व अन्य नेता शामिल हुए। हालांकि बैठक में सूबे के कई अन्य छोटे दलों के नेता नदारद दिखे। बताते चलें कि इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 11 अगस्त को दिल्ली जा रही हैं। समझा जाता है कि वे प्रधानमंत्री से मुलाकात कर प्रधानमंत्री राहत कोष से फंड की मांग कर सकती हैं।