बारिश और बाढ़ से 11 की मौत, मरने वालों की संख्या बढ़कर 64
बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ ने रविवार को 11 और जानें लील लीं। सूबे में कुदरत के इस कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है हालांकि अधिकारिक तौर पर अब तक 50 लोगों के मरने की पुष्टि की गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ ने रविवार को 11 और जानें लील लीं। सूबे में कुदरत के इस कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है हालांकि अधिकारिक तौर पर अब तक 50 लोगों के मरने की पुष्टि की गई है। इससे पहले शनिवार तक कुल 53 लोगों के मरने की खबर थी। रविवार को उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट अंतर्गत संदेशखाली के दक्षिण आखड़ा में वज्रपात से खुले में खेल रहे दो किशोरों समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य बुरी तरह झुलस गये। वहीं, नदिया जिले में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। मुर्शिदाबाद जिले में दीवार ढहने से दो साल के एक बच्चे की मौत हो गई। बांकुड़ा में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि बद्र्धमान जिले में दो व हुगली में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है।
12 जिले बाढ़ की चपेट में
बारिश से राज्य के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब दो लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके कारण एक लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक की। उन्होंने अपना उत्तर बंगाल का दौरा फिलहाल रद कर दिया है। ममता इस महीने की चार तारीख को उत्तर बंगाल जाने वाली थीं। दूसरी तरफ कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य, निकासी व अन्य विभागीय अधिकारियों तथा अभियंताओं की छुट्टी रद कर दी गई है।
मंगलवार तक भारी बारिश की आशंका
इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि मंगलवार तक राज्य के दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश होगी। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि चक्रवात कोमेन के कारण कोलकाता समेत राज्य के कई जिलों में शुक्रवार से शुरू हुई भीषण बारिश से राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। दक्षिण बंगाल में स्थिति सबसे ज्यादा भयावह बनी हुई है।
भारी बारिश के कारण मुर्शिदाबाद के कांदी, पूर्व मेदिनीपुर के पांसकुड़ा, हुगली के आरामबाग, हावड़ा के उदयनारायणपुर, वीरभूम व उत्तर 24 परगना के हाबरा का सबसे बुरा हाल है। रविवार को भी कोलकाता में जलजमाव से लोग बेहाल रहे। उधर हावड़ा में रविवार को स्थिति में थोड़ा सुधार दिखा। इस बीच बाढ़ से फसलों की बर्बादी से महानगर में साग-सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं।
ममता ने की सबसे मदद की अपील
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों एवं गैर- सरकारी संगठनों से राहत कार्य में मदद का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन दल युद्धस्तर पर काम कर रहा है। सूबे के करीब 2.10 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों में फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। पूरा प्रशासनिक तंत्र प्रभावितों तक पहुंचकर उनकी मदद करने की कोशिश कर रहा है।
बांधों से छोड़े जा रहे पानी से बिगड़े हालात
रविवार को दुर्गापुर के मायथन व पंचेत बराज से डीवीसी ने करीब 70 क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे हावड़ा, हुगली और बद्र्धमान जिले में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने का अंदेशा है। अधिक दबाव के चलते डीवीसी द्वारा अगले कुछ घंटों में अतिरिक्त 50 क्यूसेक पानी छोडऩे की बात कही गई है। उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, बद्र्धमान, बांकुड़ा, वीरभूम, हावड़ा, हुगली व नदिया बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित इलाके हैं। अजय नदी कटवा और बद्र्धमान जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पूर्व मेदिनीपुर में खिराल नदी पर बने डैम के क्षतिग्रस्त हो जाने से इस इलाके के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। वीरभूम व मुर्शिदाबाद में पहले से ही बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
निकासी में लगे निगम के 300 पंप
महानगर में रविवार को भी कई इलाके जलमग्न रहे। हालांकि रविवार को बारिश लगातार न होकर रुक-रुककर होती रही लेकिन जलजमाव से शहरवासियों को निजात नहीं मिल सका। निगम की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों से जल जमाव हटाने के लिए 300 से अधिक पंप काम पर लगाए हैं। स्वास्थ्य, निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे आवश्यक विभागों के अधिकारियों की छुïिट्टयां रद कर दी गई हैं। मेयर शोभन चटर्जी ने बताया कि सुबह से कंट्रोल रूम के जरिये विभिन्न इलाकों की समस्याएं सुनी जा रही हैं। मेयर परिषद के सदस्य (निकासी) तारक सिंह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
बद्र्धमान में सेना व एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
डीवीसी के पंचेत व मायथन डैम तथा झारखंड के सिकटिया डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बद्र्धमान जिले में चारों ओर तबाही का आलम है। स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर सेना व एनडीआरएफ को उतारा गया है। साथ ही जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
डीएम, एसपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी स्वयं राहत कार्य में जुटे हुए हैं। जिले भर में करीब साढ़े 300 राहत शिविर खोले गये है जिसमें करीब 56 हजार लोग रह रहे हैं। दुर्गापुर बराज से फिलहाल 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिसके देर रात तक 90 हजार क्यूसेक तक पहुंच जाने का अनुमान है। इस कारण दामोदर के निचली इलाकों में स्थिति और भयावह होने की आशंका है। उधर, अजय नदी में झारखंड के सिकटिया बांध से एक लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की जानकारी दी गई है।