आज ममता फूंकेंगी चुनावी बिगुल
तृणमूल कांग्रेस बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन करने को तैयार है। मंगलवार को महानगर के हृदयस्थल धर्मतल्ला में 21 जुलाई के उपलक्ष में होने वाली शहीद दिवस रैली से मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी चुनावी बिगुल फूंक सकती है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन करने को तैयार है। मंगलवार को महानगर के हृदयस्थल धर्मतल्ला में 21 जुलाई के उपलक्ष में होने वाली शहीद दिवस रैली से मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी चुनावी बिगुल फूंक सकती है। इस बार शहीद दिवस रैली में 10 लाख से अधिक की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। 21 जुलाई की रैली को इस साल 22 वर्ष पूरे हो रहे हैं और यह 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाली बड़ी रैली है। ऐसे में इसे यादगार बनाने के लिए मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी एवं पार्टी के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक पूरी ताकत झोंक रहे हैं। ऐसे में जबर्दस्त भीड़ होना तय माना जा रहा है और सप्ताह के दूसरे कामकाजी दिन लोगों को भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या से दो-चार पड़ सकता है। ममता ने सभी पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है कि शहीद दिवस की स्मृति कभी भुलाई नहीं जा सकती। जन आंदोलन के लिए यह ऐतिहासिक दिन है।
इस बार अधिक से अधिक भीड़ जुटाने की कोशिश के बावजूद रैली का आयोजन ब्रिगेड परेड ग्राउंड में नहीं कर धर्मतल्ला में किया गया है। रविवार से ही विभिन्न जिलों से पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के महानगर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। उन्हें साल्टलेक स्टेडियम व महानगर की कई धर्मशालाओं में ठहराया गया है। तृणममूल के शीर्ष नेता लगातार धर्मतल्ला, सियालदह समेत महानगर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
2011 के विधानसभा चुनाव में तृणममूल के भारी मतों से जीतकर सत्ता में आने के बाद ब्रिगेड परेड ग्राउंड में शहीद दिवस रैली का आयोजन हुआ था और यह 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले की अंतिम रैली है। इस दृष्टि से इस बार यह आयोजन ममता के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सभा के मंच से वह पार्टी की भावी रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव का बिगुल भी फूंकेंगी।
क्यों आयोजित होती है रैली
21 जुलाई, 1993 को युवा कांग्रेस के राइटर्स अभियान के दौरान पुलिस फायङ्क्षरग में युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गए थे। तब से ममता 21 जुलाई को धर्मतल्ला में शहीद दिवस का पालन करती हैं। इस मौके पर वह पार्टी की भावी कार्यसूची की भी घोषणा करती हैं।
जिलों से पहुंच चुके हैं तृणमूल समर्थक
जिलों से बड़ी तादाद में तृणमूल समर्थक महानगर पहुंच चुके हैं। उनके ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था तृणमूल कांग्रेस की तरफ से की गई है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्तर बंगाल से पार्टी कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू चुका है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ममता ने सभी जिला नेतृत्वों को अधिक से अधिक पार्टी समर्थकों को साथ लेकर रैली में पहुंचने का निर्देश दिया है। इस बार 10 लाख से अधिक भीड़ जुटाने की कोशिश है।
युवराज का हो सकता नया अभिषेक
21 जुलाई को ममता कई अहम घोषणाएं करती आ रही हैं। इस बार मुकुल रॉय को पार्टी से अलग-थलग करने के बाद वह अपने सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर कुछ अहम घोषणा करते हुए तृणमूल के युवराज का नये पद पर अभिषेक कर सकती हैं।
मुकुल के बिना पहली 21 जुलाई रैली
यह पहला मौका है जब मुकुल रॉय तृणमूल की शहीद दिवस रैली में नहीं होंगे और न ही उन्होंने कोई सभा की है और न ही किसी को रैली में आने का निर्देश दिया है। इससे पहले मुकुल पर ही रैली को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी होती थी।