Move to Jagran APP

मुसलमानों की छह और जाति ओबीसी में शामिल

पश्चिम बंगाल में रहने वाले मुसलमानों की छह और जाति को बंगाल सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने का निर्णय लिया है। बुधवार को नवान्न (मुख्यमंत्री सचिवालय) में हुई राज्य कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 28 May 2015 02:43 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 02:50 AM (IST)
मुसलमानों की छह और जाति ओबीसी में शामिल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रहने वाले मुसलमानों की छह और जाति को बंगाल सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने का निर्णय लिया है। बुधवार को नवान्न (मुख्यमंत्री सचिवालय) में हुई राज्य कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है। सरकार के इस निर्णय का मुस्लिम संगठन अल्पसंख्यक युवा फेडरेशन के महासचिव मोहम्मद कमरुज्जमां ने स्वागत किया है।

loksabha election banner

कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि कालोयार, आता, सरउवाल, बागानी, भंडारी एवं खानसामा मुस्लिम जाति को ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। इसी के साथ राज्य में ओबीसी में शामिल 88 मुस्लिम जातियों में छह और जुड़ गए हैं। बहुत जल्द इस बाबत पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से अधिसूचना जारी हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से करीब 95 फीसद मुसलमान आरक्षण प्राप्त करने की श्रेणी में आ जाएंगे।

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री उपेन विश्वास ने दावा किया है कि इस फैसले के बाद बंगाल के 100 फीसद मुसलमानों को ओबीसी का लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब राज्य में नाममात्र ही कुछ मुसलमान रह जाएंगे जो ओबीसी से बाहर होंगे।

राज्य सरकार ने नौकरी व शिक्षा में वर्तमान समय में 17 फीसद आरक्षण मिलता है। कमरूज्जमां ने सरकार के फैसले को लेकर खुशी जताते हुए कहा कि बंगाल में मुसलमानों को मात्र दस फीसद आरक्षण मिल रहा है यह बढ़ा कर 15 फीसद किया जाना चाहिए।

कैबिनेट में खेल नीति 2015 पर मुहर

कैबिनेट ने राज्य में खेल बुनियादी ढांचे के विकास और खिलाडिय़ों के कल्याण के लिए नई खेल नीति 2015 पर मुहर लगा दी। खेल विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास ने संवाददाताओं से कहा कि इस नीति से मौजूदा खेल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और राज्य में नवीनतम आधुनिक खेल बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा। इस नीति में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को नकद प्रोत्साहन राशि, पुरस्कार और नौकरी का मौका दिए जाने का भी प्रावधान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.