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इंजीनियर बनना चाहता है आइएससी टापर अर्क

गत पांच वर्ष का रिकार्ड तोड़ते हुए कोलकाता के जोका विवेकानंद मिशन स्कूल के अर्क चटर्जी ने आइएससी (12वीं) की परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप किया है। अर्क ने 99.75 प्रतिशत अंक लाकर देश भर के आइएससी स्कूलों में सर्वाधिक अंक प्राप्त किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 19 May 2015 01:07 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2015 04:50 AM (IST)
इंजीनियर बनना चाहता है आइएससी टापर अर्क

जागरण संवाददाता, कोलकाता। गत पांच वर्ष का रिकार्ड तोड़ते हुए कोलकाता के जोका विवेकानंद मिशन स्कूल के अर्क चटर्जी ने आइएससी (12वीं) की परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप किया है। अर्क ने 99.75 प्रतिशत अंक लाकर देश भर के आइएससी स्कूलों में सर्वाधिक अंक प्राप्त किया है। यह गत पांच वर्ष का सर्वाधिक प्राप्तांक हैं। वहीं आइसीएससी (10वीं) में बंगाल के ही सौगत चौधरी ने टॉप किया है। सौगत ने 99.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। सौगत महानगर के सेंट जेवियर्स स्कूल का छात्र है।

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राष्ट्रीय टापर अर्क चटर्जी के अनुसार वह सोमवार सुबह वेबसाइट पर अपना रिजल्ट देख कर अवाक रह गया। अर्क ने बताया कि उसने जब सुबह वेबसाइट पर अपना रिजल्ट चेक किया उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। उसने दोबारा से रोल नंबर डाल कर एक बार फिर रिजल्ट देखा और दोबारा अपने अंक का प्रतिशत निकाला। उसने कहा कि उस वक्त जो महसूस कर रहा था उसे शब्दों में नहीं बता सकता। अर्क इंजीनियर बनना चाहता है। उसने कहा कि मैं आइआइटी से इंजीनियङ्क्षरग करना चाहता हूं। ये मेरा सपना है। राज्य में खडग़पुर आइआइटी कालेज से हो या कहीं बाहर में आइआइटी से इंजीनियङ्क्षरग पढऩे का इच्छुक हूं। अर्क ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया है। उसने कहा कि उनके सहयोग से ही मैं सफल हो सका हूं। उनके बिना ऐसा कर पाना असंभव था।

अर्क का कहना है कि सफलता के लिए जरूरी है कि आप जितनी देर भी पढ़े आपका पूरा ध्यान किताबों पर हो। मैं दिन में 9 से 10 घंटे पढ़ता था। इसके बाद मैं अपने दोस्तों के साथ भी वक्त बिताया करता था। बोर्ड परीक्षा के लिए मैंने अलग से कोई कोचिंग नहीं की थी। इंजीनियङ्क्षरग प्रवेश परीक्षा के लिए जो तैयारी की थी उसी तैयारी के साथ बोर्ड की परीक्षा भी दी थी।

अर्क के शिक्षकों का भी यहीं मानना है कि वह ऐसा छात्र नहीं जो दिन भर बस पढ़ाई की ही बात करें। विवेकानंद मिशन की एक शिक्षिका ने बताया कि अर्क अपने दोस्तों के साथ भी वक्त बिताता था। स्कूल में एक्स्ट्रा-करिकुलम एक्टिविटी में भी भाग लेता था। मगर परीक्षा में उसका रिजल्ट हमेशा अच्छा होता। साथ ही अर्क का यह भी मानना है कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर पढ़ाई के लिए अत्याधिक दबाव नहीं बनाना चाहिए।

उसने कहा कि मेरे माता-पिता मुझ पर पढ़ाई के लिए दबाव नहीं बनाते थे। इसलिए मैं अपने अनुसार स्वतंत्र रूप से पढ़ाई करता था और परिणाम सबके सामने हैं। वहीं आइसीएससी में टापर सौगत चौधरी ने कहा कि नतीजे उम्मीद से भी अच्छे हैं। परीक्षा देने के बाद मुझे इस बात का अनुभव नहीं था कि मैं 99 प्रतिशत अंक ला सकूंगा। परिवार में सभी बहुत खुशी हैं। उन्हें मुझ पर गर्व हो रहा है यह देखना एक खास अहसास है। परीक्षा के दो महीने पहले से मैंने अपना पूरा ध्यान बस पढ़ाई पर लगाया था। फिल्म, टीवी सब छोड़ दिया था। सफलता के लिए जरूरी है कि हम ध्यान केंद्रीत रखें।


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