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पीएम के साथ जून में बांग्लादेश दौरे पर जाएंगी ममता

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में जान फूंकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार आगामी छह व सात जून को ढाका के दौरे पर रहेंगे। इस बार मोदी के साथ ममता बनर्जी भी जाएंगी। राज्य सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 14 May 2015 01:18 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2015 01:23 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। करीब चार साल पहले सितंबर 2011 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका जाने से अंतिम समय में इनकार कर दिया था। ममता ने यह फैसला अचानक लिया था, क्योंकि मनमोहन सिंह के साथ उनकी ढाका यात्रा तय थी। लेकिन अब भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में जान फूंकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार आगामी छह व सात जून को ढाका के दौरे पर रहेंगे। इस बार मोदी के साथ ममता बनर्जी भी जाएंगी। दरअसल, पिछले हफ्ते मोदी कोलकाता आए थे। खबर है कि नौ मई को उन्होंने नजरुल मंच के ग्रीन रूम में ममता के साथ एकांत बैठक के दौरान साथ में ढाका चलने को कहा।

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सूत्रों का कहना है कि शुरुआती बातचीत में पीएम और सीएम के बीच इस यात्रा को लेकर सहमति बन गई है। हालांकि राज्य सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। मोदी के इस प्रस्ताव पर ममता ने कहा कि उन्हें जुलाई में चार दिवसीय यात्रा पर लंदन जाना है।

उन्होंने पीएम से कहा कि यदि बांग्लादेश दौरे की तारीख फाइनल हो जाती है तो वह उसी हिसाब से तैयारी करेंगी। लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जून के प्रथम सप्ताह में कोई खास कार्यक्रम नहीं होने के कारण ममता पीएम के साथ ढाका जाएंगी। इधर, ममता की मोदी के साथ ढाका यात्रा के बाद केंद्र से राज्य सरकार को 3,009 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज मिलने का रास्ता भी और सुनिश्चित हो जाएगा।

दरअसल, भारत-बांग्लादेश सीमा पर 111 परिक्षेत्रों (छींटमहलों) से आबादी को बसाने में संसद ने इस मुआवजे का वादा किया है। हाल में भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते (एलबीए) को राज्यसभा से मंजूरी मिली है और अब इसे लागू करने की पक्रिया शुरू होना बाकी है। खबर है कि ममता ने पीएम मोदी संग बैठक में दोनों देशों के बीच परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान से पहले मुआवजा पैकेज देने की मांग की। वहीं, इस मुआवजे के बाद केंद्र और राज्य के बीच एलबीए को लेकर तनातनी की स्थिति खत्म होने की भी पूरी उम्मीद है।

वहीं, इस साल फरवरी में ममता बनर्जी ढाका दौरे पर गई थीं। उन्होंने बांग्लादेश में कहा था कि वह दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी के पानी की साझेदारी और लैंड बाउंडरी एग्रीमेंट (एलबीए) पर बने गतिरोध को खत्म करना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह पीएम से बात कर इन मुद्दों को जल्द सुलझा लेंगी।

राज्य के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ममता की इस यात्रा से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के बीच दोस्ती के साथ इंडो-बांग्ला रिश्तों पर भी सकारात्मक असर पड़ा है और आगे यह और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है।


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