रोजवैली घोटाले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पर कांग्रेस का करारा हमला
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का नाम रोजवैली चिटफंड कांड में जुडऩे से यहां की राजनीति गर्म हो गई है और त्रिपुरा कांग्रेस लगातार उन्हें घेरने की जुगत में है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का नाम रोजवैली चिटफंड कांड में जुडऩे से यहां की राजनीति गर्म हो गई है और त्रिपुरा कांग्रेस लगातार उन्हें घेरने की जुगत में है। सोमवार को कोलकाता पहुंचे कांग्र्रेस नेता व त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुदीप रॉय बर्मन ने एक बार फिर कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनी रोजवैली के साथ अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की गतिविधियों में मुख्यमंत्री माणिक सरकार की संलिप्तता रही है।
बर्मन ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सत्ता में रहते हुए वर्ष 1978 से 1988 तक के बीच में ऐसी कंपनियों की नींव पड़ी जो माणिक के मुख्यमंत्री रहते साल 1998 में बृहद हुईं और जालसाजी की कलई आज खुल रही है। सुदीप ने इस दिन माणिक पर चिटफंड सारधा घोटाले में भी संलिप्त रहने का आरोप लगाया। हालांकि, मुख्यमंत्री माणिक सरकार इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। सुदीप ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से अपील की है कि त्रिपुरा में सभी अवैध गैर बैंकिंग कंपनियों और चिटफंड संगठनों की गतिविधियों की हर पहलू की जांच सीबीआई से कराने के लिए वह केंद्र सरकार से आग्र्रह करें।
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा सरकार ने 2013 में एनबीएफसी और चिटफंड कंपनियों से संबंधित 37 मामलों में सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी, जिनमें से केंद्रीय जांच एजेंसी ने महज पांच मामलों में कार्रवाई की थी। बताते चलें कि रोजवैली समूह प्रमुख गौतम कुंडू को ईडी ने गिरफ्तार किया है।