Move to Jagran APP

रोजवैली घोटाले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पर कांग्रेस का करारा हमला

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का नाम रोजवैली चिटफंड कांड में जुडऩे से यहां की राजनीति गर्म हो गई है और त्रिपुरा कांग्रेस लगातार उन्हें घेरने की जुगत में है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2015 02:25 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2015 02:28 AM (IST)

जागरण संवाददाता, कोलकाता। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का नाम रोजवैली चिटफंड कांड में जुडऩे से यहां की राजनीति गर्म हो गई है और त्रिपुरा कांग्रेस लगातार उन्हें घेरने की जुगत में है। सोमवार को कोलकाता पहुंचे कांग्र्रेस नेता व त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुदीप रॉय बर्मन ने एक बार फिर कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनी रोजवैली के साथ अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की गतिविधियों में मुख्यमंत्री माणिक सरकार की संलिप्तता रही है।

loksabha election banner

बर्मन ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सत्ता में रहते हुए वर्ष 1978 से 1988 तक के बीच में ऐसी कंपनियों की नींव पड़ी जो माणिक के मुख्यमंत्री रहते साल 1998 में बृहद हुईं और जालसाजी की कलई आज खुल रही है। सुदीप ने इस दिन माणिक पर चिटफंड सारधा घोटाले में भी संलिप्त रहने का आरोप लगाया। हालांकि, मुख्यमंत्री माणिक सरकार इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। सुदीप ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से अपील की है कि त्रिपुरा में सभी अवैध गैर बैंकिंग कंपनियों और चिटफंड संगठनों की गतिविधियों की हर पहलू की जांच सीबीआई से कराने के लिए वह केंद्र सरकार से आग्र्रह करें।

उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा सरकार ने 2013 में एनबीएफसी और चिटफंड कंपनियों से संबंधित 37 मामलों में सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी, जिनमें से केंद्रीय जांच एजेंसी ने महज पांच मामलों में कार्रवाई की थी। बताते चलें कि रोजवैली समूह प्रमुख गौतम कुंडू को ईडी ने गिरफ्तार किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.