Move to Jagran APP

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पीड़ितों ने किया स्वागत

जागरण संवाददाता, कोलकाता। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए का हवाला देकर सताए गए लोगों ए

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 05:31 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 02:52 AM (IST)
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पीड़ितों ने किया स्वागत

जागरण संवाददाता, कोलकाता। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66ए का हवाला देकर सताए गए लोगों एवं विधि विशेषज्ञों ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस धारा को मंगलवार को निरस्त करने के फैसले का स्वागत किया है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का व्यंग्यात्मक कोलाज बनाकर सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड करने के मामले में गिरफ्तार किए गए यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्र ने कहा-'यह आम लोगों के बोलने की आजादी की जीत है। इस फैसले की बदौलत सख्त कानून को लेकर पैदा हुआ भय दूर होगा। इससे इंटरनेट उपभोक्ताओं के मन में बना डर दूर होगा कि उन्हें बिना किसी कसूर के गिरफ्तार किया जा सकता है। इससे मेरे जैसे कइयों को राहत मिली है, जिन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से प्रंताड़ित किया गया है।'

इसी धारा के तहत मुकदमेबाजी में फंसे कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी ने फैसले को सोशल मीडिया के लिए ऐतिहासिक करार दिया।

उन्होंने कहा-'ये भयावह कानून के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला है। इस धारा का राजनीतिक दलों और प्रशासन द्वारा बोलने की आजादी का दमन करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था। सोशल नेटवर्किंग मौजूदा समय में समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है और बुराइयों को सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अनगिनत लोग इस सख्त कानून के शिकार बने हैं।'

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली ने कहा-'निरस्त की गई धारा भारत के गणतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही थी। यह बेहद साहसिक फैसला है और मैं इसका तहे दिल से स्वागत करता हूं।'

पीयूसीएल की कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने कहा-'ये बोलने की आजादी के लिए लड़ाने करने वालों के लिए बड़ी उपलब्धि है और इससे लोकतंत्र के प्रति विश्वास और बढ़ेगा। लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.