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नये राजनीतिक समीकरण पर तत्पर ममता

कोलकाता [अनवर हुसैन]। पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार से सशंकित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नये र

By Edited By: Published: Mon, 17 Nov 2014 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Nov 2014 01:21 AM (IST)
नये राजनीतिक समीकरण पर तत्पर ममता

कोलकाता [अनवर हुसैन]। पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार से सशंकित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नये राजनीतिक समीकरण का हिस्सा बन सकती हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी बननेवाले नये राजनीतिक समीकरण का कारक बनने के लिए वह तत्पर भी हैं। अपनी इसी तत्परता के कारण वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर रविवार की शाम दिल्ली रवाना हुईं। दिल्ली जाने के लिए सात दिन पहले एयर इंडिया का टिकट लेने के बावजूद दोपहर को निर्धारित समय पर सरकारी विमान की उड़ान रद हो गई। सुश्री बनर्जी ने इस पर क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि सात दिन पहले टिकट लेने के बावजूद क्यों उड़ान रद हुई यह समझ से परे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारी से इस पर स्पष्टीकरण भी मांगा है। हालांकि एयर इंडिया ने ममता को एक दूसरे विमान से दिल्ली पहुंचाने का प्रस्ताव दिया लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। अंत में शाम को लगभग चार बजे एक गैर सरकारी विमान से वह दिल्ली गईं।

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राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक सुश्री बनर्जी कांग्रेस द्वारा सोमवार को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जन्मशतवार्षिकी मौके पर आयोजित समारोह में भाग लेंगी। समारोह में भाजपा व राजग के विरोधी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों को आमंत्रित किया गया है। सोनिया के निमंत्रण पर समारोह में ममता के शामिल होने को नये राजनीतिक समीकरण की संभावना से जोड़ कर देखा जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो पश्चिम बंगाल में भाजपा के उत्थान को रोकने के लिए 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता कांग्रेस के साथ फिर हाथ मिला सकती हैं। कांग्रेस के प्रति ममता ने अपनी सकारात्मक सोच का संकेत भी दिया है। सुश्री बनर्जी सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध धर्मनिरपेक्ष दलों की एकजुटता की संभावना पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जन्म शतवार्षिकी के मौके पर सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के एक मंच पर आना अच्छी बात है।

सोनिया के बुलावे पर ममता के दिल्ली जाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस नेताओं में भी उत्साह है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मानस भुइयां ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों को एकजुट होना होगा। श्रीमती गांधी के निमंत्रण पर ममता का दिल्ली जान धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक ममता का दिल्ली में कई कार्यक्रम है। जवाहर लाल नेहरू की जन्म शतवार्षिकी में भाग लेने के अतिरिक्त वह 18 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात करेंगी। वह इस बार जनवरी में कोलकाता में होनेवाले विश्व बंग सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति को निमंत्रण देंगी। दिल्ली में औद्योगिक मेला लगा है। मुख्यमंत्री मेला प्रांगण में बंगाल पैविलियन का भी अवलोकन कर सकती हैं और बंगाल में निवेश के लिए उद्योगपतियों से आगे बढ़ने की अपील कर सकती हैं।


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