ममता ने फिर आयोग की निष्पक्षता पर उठाये सवाल
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: चुनाव कर्मचारियों पर हमला करने के मामले में समाज कल्याण मंत्री सावित्री मित्रा के दामाद सौम्यदीप सरकार की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुंह खोला और कहा कि गलती करने वाले व्यक्तियों को कानूनी तौर पर दंडित किया जाना चाहिए। सुश्री बनर्जी ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा है कि हम संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं। यदि कोई व्यक्ति गलती करता है तो उसे कानूनी तौर पर सजा मिलनी चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश पर पांच एसपी और एक डीएम को बदलने को बाध्य हुई ममता ने वामपंथी शासन वाला त्रिपुरा में चुनाव आचार संहिता भंग होने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में लाल झंडा व पोस्टर-बैनर से सड़कें पटी देखी गई, लेकिन चुनाव आयोग ने वहां कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े प्रातों में मात्र एक चरण में ही मतदान होना है जबकि बंगाल के कुछ जिलों में दो चरणों में चुना होगा। सुश्री बनर्जी ने आयोग के इस पक्षपात पूर्ण रवैया पर सवाल उठाया। पश्चिम बंगाल में 17 अप्रैल से 12 मई तक पांच चरणों में मतदान होना है।
सुश्री बनर्जी ने वाममोर्चा की तीखी आलोचना की और कहा कि वामो से उन्हें चुनाव आयोग का सम्मान करने की सीख लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2004 में वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने चुनाव कर्मचारियों को कालर पकड़ कर बंगाल से बाहर खदेड़ने की बात कही थी। दो दिन पहले मालदा में तृणमूल कांग्रेस के मोटरसाइकिल जुलूस की वीडियो रिकार्डिग करनेवाले चुनाव कर्मचारियों पर हमला हुआ। हमलावरों में समाज कल्याण मंत्री के दामाद समेत स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता व सदस्य शामिल थे। पुलिस ने मंत्री के दामाद समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वे सभी फिलहाल जेल में है।