माओवादी दंपती के सरेंडर मामले में पुलिस मौन
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत झाड़ग्राम के जंगल महल परिक्षेत्र में अरस
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत झाड़ग्राम के जंगल महल परिक्षेत्र में अरसे बाद माओवादी गतिविधियों को ले गहमा-गहमी नजर आयी। हालांकि इस मामले में महकमे ने रहस्यमय मौन साध रखा है, जबकि चर्चा 20 फरवरी को बड़े खुलासे की रही।
बताते चलें कि विगत गुरुवार को पुलिस संत्रास जन प्रतिरोध समिति के नेता और जेल में बंद छत्रधर महतो के सहयोगी रहे संतोष पात्र ने सीधे झाड़ग्राम अदालत पहुंच कर आत्मसमर्पण कर दिया था। इस बड़े घटनाक्रम पर अधिकारियों की उदासीन टिप्पणी रही कि मामला अदालत का है, लिहाजा उनके लिए कुछ कहने को नहीं है। यद्यपि माना यही जा रहा है कि संतोष के जेल की सीखचों के पीछे पहुंचने से जंगल महल का माहौल अब और तेजी से बदलेगा, क्योंकि उसके फरार रहने से पुलिस बेचैन थी, वहीं शुक्रवार को झारखंड के घाटशिला प्रखंड में राम प्रसाद मांडी उर्फ सचिन महतो तथा उसकी पत्नी मीता के बंगाल पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की कथित घटना की भी पुलिस महकमे में चर्चा सुनी जाती रही। सूत्र 20 फरवरी को कोलकाता में दोनों के आधिकारिक तौर पर आत्मसमर्पण करने की संभावना व्यक्त करते रहे। बताया जाता है कि झारखंड के बजाय बंगाल पुलिस के बेहतर पुनर्वास पैकेज की लालच में ही दोनों ने सरेंडर किया। दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक भारती घोष ने ऐसी चर्चाओं को सिरे से नकारते हुए कहा कि उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है।