रेलवे क्वार्टरों में रहते हैं बाहरी लोग
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे अंतर्गत रेलनगरी खड़गपुर में एशिया की सबसे बड़ी
संवाद सहयोगी, खड़गपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे अंतर्गत रेलनगरी खड़गपुर में एशिया की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनी है। यहां विभिन्न कॉलोनियों में लगभग 15 हजार क्वार्टर हैं, लेकिन रेलवे क्वार्टरों में रेल कर्मचारी के बजाय काफी तादाद में गैर रेलवे से जुड़े लोगों (आउट साइडर्स) के निवास करने से रेल प्रशासन के अधिकारी भी ¨चतित है।
कुछ दिनों पूर्व खड़गपुर रेल मंडल के अधिकारियों की एक टीम ने मथुराकाटी सहित अन्य रेलवे कॉलोनियों का निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण के दौरान खुलासा हुआ कि एक दर्जन रेल क्वार्टरों में से छह-सात क्वार्टर ऐसे हैं, जिनमें रेलवे कर्मचारियों के बजाय बाहरी लोग रह रहे हैं। यह देखकर अधिकारी भी ¨चतित हो उठे। बताते चलें कि खड़गपुर में मथुराकाटी के अलावा नई खोली, जय¨हदनगर, नीमपुरा, ओल्ड सेटलमेंट, ट्रैफिक, पोर्टरखोली,
साउथ साइड व इंदा में रेलवे की कॉलोनियां अवस्थित हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन कॉलोनियों में हजारों की संख्या में आउट साइडर्स रहते हैं। कुछ कर्मचारी धन कमाने के चक्कर में अपने नाम से आवंटित क्वार्टर किसी आउट साइडर्स को किराए पर दे देते हैं। पांच से लेकर सात हजार रुपये तक आउट साइडर्स से किराया वसूल किया जाता है। क्वार्टरों को किराए पर देने के इस गोरखधंधे में कई अधिकारी भी लिप्त रहते हैं। इस गोरखधंधे की वजह से जरूरतमंद रेल कर्मचारियों को समय पर क्वार्टर नहीं मिल पाता है। पूर्व डीआरएम राजीव कुलश्रेष्ठ के समय रेल क्वार्टरों में आउट साइडर्स के निवास पर एक सर्वेक्षण भी कराया गया था। लेकिन इसकी रिपोर्ट फाइलों में ही दबकर रह गई है। अब नए सिरे से रेल प्रशासन इस फाइल को खंगाल रहा है। खड़गपुर रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक व जनसंपर्क अधिकारी कुलदीप तिवारी ने कहा कि रेल क्वार्टरों में आउट साइडर्स को ले रेल प्रशासन की ओर से जांच-पड़ताल शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। दोषी रेल कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।