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असम के आंदोलन से उत्तर बंगाल रेल सेवा प्रभावित

संवाद सूत्र, धुपगुड़ी: असम में रेल रोको आंदोलन का प्रभाव धुपगुड़ी रेल स्टेशन पर देखने को मिला। कोकराझा

By Edited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 06:23 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 06:23 PM (IST)
असम के आंदोलन से उत्तर बंगाल रेल सेवा प्रभावित
असम के आंदोलन से उत्तर बंगाल रेल सेवा प्रभावित

संवाद सूत्र, धुपगुड़ी: असम में रेल रोको आंदोलन का प्रभाव धुपगुड़ी रेल स्टेशन पर देखने को मिला। कोकराझार आदिवासियों को उप जनजाति दिलाने की मांग को लेकर बुधवार सुबह से असम के विभिन्न स्टेशनों पर रेल रोकों आंदोलन शुरू हुआ। जिसका अधिकांश प्रभाव उत्तर बंगाल के सीमांत इलाकों में देखने को मिला। आंदोलन के कारण धुपगुड़ी स्टेशन पर त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस घंटों खड़ी रही। फलस्वरूप यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसमें काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे शामिल थे। यात्रियों को ज्यादा दाम देकर खाद्य सामग्री खरीदना पड़ रहा था। इस दौरान रेल विभाग की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई। धुपगुड़ी स्टेशन में बैठे एक असम के यात्री बाप्पी देवनाथ ने कहा कि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए गुजरात से असम वापस लौट रहा था। लेकिन रेल रोको आंदोलन के कारण समय से घर नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि अगर रेल विभाग को पहले से ही पता था कि आंदोलन होने वाला है तो उस लाइन से रेल चलाने का निर्देश क्यों दिया गया? एक अन्य यात्री विकास बैग ने कहा कि ट्रेन पहले से ही सात घंटे लेट चल रही थी। इस बीच जलपाईगुड़ी रानीनगर स्टेशन पर ट्रेन को चार घंटे रोक दिया गया। जिसे लेकर यात्रियों ने रानीनगर स्टेशन मास्टर का घेराव कर अपना विरोध प्रकट किया। कुछ देर बाद ट्रेन असम के लिए रवाना हुई, लेकिन फिर धुपगुड़ी स्टेशन के पास ट्रेन रोक दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रेन में पेयजल व बेबी फूड की व्यवस्था नहीं थी। फलस्वरूप बच्चों को काफी परेशानी हुई। काफी यात्री बीमार भी हो गए। इस दिन के आंदोलन के कारण अलीपुरद्वार स्टेशन पर अप ब्रह्मपूत्र मेल, कामरूप एक्सप्रेस फालाकाटा स्टेशन व अप गया-कमाख्या एक्सप्रेस न्यू कूचबिहार को रोकी गई। करीब छह घंटे बाद कोकराझार डिवीजनल कमिश्नर ने सरकार से बात करने का आश्वासन दिलाकर आंदोलनकारियों को शांत किया। फिर ट्रेन आवाजाही स्वाभाविक हो सकी।


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