आश्रय होम के खिलाफ जिला प्रशासन ने करवाई प्राथमिकी
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: सीआईडी के बाद अब जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन की ओर से चंदना चक्रवर्ती के आश्र
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: सीआईडी के बाद अब जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन की ओर से चंदना चक्रवर्ती के आश्रय होम के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। जिलाधिकारी रचना भगत ने बताया कि गत 23 फरवरी की रात को जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से आश्रय होम के कई गैरकानूनी क्रियाकलापों के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत की गई है। आश्रय होम के खिलाफ कई लापरवाही व गैरकानूनी कार्यो में लिप्त रहने के सबूत मिले हैं। आश्रय होम को 18-35 उम्र तक की लड़कियों को रखने की अनुमति दी गई थी। इसके बावजूद कम उम्र की लड़कियां को आवास में रखा जाता था। एक ही महिला के नाम पर दो कागजात बनते थे। जिला समाज कल्याण अधिकारी पीयूष साहा ने कहा कि आश्रय होम में पंजीकृत कई महिलाओं का नाम नहीं मिला है। प्रशासन ने आश्रम होम से कई कागजात जब्त किए हैं, जिसे पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइति ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आवास के कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की जाएगी। वहीं कोतवाली पुलिस सूत्रों की माने तो चंदना के आश्रय होम के खिलाफ 370(4), 406, 420, जुबेलाइन जस्टिस एक्ट 75, 80, 81 धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। इधर जुबेनाइल जस्टिस कानून के अनुसार किसी भी बच्चे, किशोर-किशोरियों व महिलाओं को दूसरे आवास में स्थानान्तरित किया जा सकता है। लेकिन कम उम्र की लड़कियों व महिलाओं को आवास में लाना गैरकानूनी है। ज्ञातव्य हो कि गत वर्ष आश्रय होम के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया था। इसके बाद 18 फरवरी को सीआईडी की टीम ने चंदना चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया। 19-20 फरवरी को होम से जुड़े कई कागजात जब्त हुई। वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की गई। 24 फरवरी को आवास के अधीक्षक दिप्ती घोष की गिरफ्तारी हुई। सीआईडी की पूछताछ में पता चला है कि दिप्ती किस तरह से महिलाओं को आवास में लाती थी। गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता था। मामले से जुड़े डॉक्टर, सरकारी कर्मचारियों का भी नाम आया है जिसका संबंध मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती से था।