मेडिकल कालेज के लिए स्वास्थ्य प्रतिनिधि दल ने किया जमीन का मुआयना
- गत 28 मार्च को जलपाईगुड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी मेडिकल कालेज स्थापित करने की घोषणा
- गत 28 मार्च को जलपाईगुड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी मेडिकल कालेज स्थापित करने की घोषणा
- आइएमए के मुताबिक मेडिकल कालेज के लिए 21 बीघा जमीन की जरूरत
- दोनों अस्पतालों को मिलाकर मेडिकल कालेज संभव
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जलपाईगुड़ी में मेडिकल कालेज स्थापना करने की घोषणा के बाद से शनिवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि दल ने शनिवार को जलपाईगुड़ी का दौरा किया। प्रतिनिधि दल ने जिला अस्पताल से कुछ ही दूरी पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नजदीक जमीन का दौरा किया। जहां पर उनलोगों ने बुनियादी ढांचा को देखा।
बता दें कि पिछले महीने गत 28 मार्च को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी दौरे पर मेडिकल कालेज स्थापना के लिए जमीन को चिन्हित करने का निर्देश जारी किया था। इंडियन मेडिकल काउंसिल के नियम के मुताबिक मेडिकल कालेज तैयार करने के लिए करीब 21 एकड़ जमीन की जरूरत है। एक जगह पर इतनी जमीन की व्यवस्था न होने से जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल एवं सुपर स्पेशलिटी दोनों को मिलकर जमीन की व्यवस्था की। शनिवार को राज्य स्वास्थ्य प्रतिनिधि दल ने उक्त जमीन का मुआयना कर संतोष व्यक्त किया।
जमीन का मुआयना करने के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ तमाल कांति घोष ने कहा कि जो जमीन यहां पर है। जिससे दोनों को मिलाकर कालेज व अस्पताल करना संभव है। मेडिकल काउंसिल के निर्देशानुसार साढ़े चार किलोमीटर के दायरे में कालेज व अस्पताल होना होगा। ऐसे में दोनों जमीन की दूरी काफी कम है। ये ढाई किलामीटर के बीच है। स्वाभाविक रूप से जिला सदर अस्पताल में मेडिकल कालेज व अस्पताल होगा एवं सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नजदीक कालेज भवन, पैरा क्लिनिक एवं छात्रवास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां से वापस जाकर पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार के मेडिकल काउंसिल को रिपोर्ट भेज दिया जाएगा।
कैप्शन : जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल परिसर में मेडिकल कालेज के लिए जमीन का मुआयना करते स्वास्थ्य प्रतिनिधि दल।