राज्य अनुसूचित जनजाति सलाहकार काउंसिल होगी गठित
बोलीं मुख्यमंत्री -केंद्र सरकार अपने वादों से मुकर रही - डुवार्स के सात चाय बागान खोलने का मामल
बोलीं मुख्यमंत्री
-केंद्र सरकार अपने वादों से मुकर रही
- डुवार्स के सात चाय बागान खोलने का मामला ठंडे बस्ते में
-जीटीए में राज्य सरकार का कोई दखल नहीं
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जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: उत्तर बंगाल के 5 दिवसीय दौरे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को यहां पहुंचीं। उन्होंने शाम को जलपाईगुड़ी लोक निर्माण बंग्लो में आदिवासी सलाहकार काउंसिल के साथ बैठक करने के उपरांत कहा कि राज्य सरकार जल्द ही आदिवासी सलाहकार काउंसिल की तर्ज पर राज्य अनुसूचित जनजाति सलाहकार काउंसिल का गठन करेगी। इसके अलावा संथाल समुदाय के लोगों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संथाली भाषा की लिपि में अलग से शब्दकोश होंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष झाड़ग्राम में आदिवासी सलाहकार कांउसिल की पहली बैठक हुई थी। उसके बाद दूसरी बैठक आज हुई है। राज्य में अनुसूचित छात्र छात्राओं की संख्या अत्यधिक है। इसी वजह से उनलोगों के विकास के लिए अलग से आदिवासी सलाहकार काउंसिल बनाया गया। इसके अलावा संथाली समुदाय की पढ़ाई, साहित्य व संस्कृति पर चर्चा के लिए अलग से संथाली भाषा की लिपि से शब्दकोश तैयार किए जाएंगे। एक माह के उक्त कार्य संपन्न हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अलग-अलग जनजाति के लोगों की भाषा में शिक्षा की व्यवस्था करने पर जोर दे रही है। अनुसूचित छात्र-छात्राओं को 400 रुपये मासिक भत्ता दिया जाता है। केंद्र से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही।
केंद्र सरकार अपने वादों से मुकर रही है। डुवार्स के सात चाय बागान खोलने की बात कहकर भी अबतक कोई प्रयास नहीं किया। राज्य सरकार चाय श्रमिकों की मदद कर रही है। पार्वत्य क्षेत्र में भी सरकार अलग बोर्ड गठित करनेव विकास कार्य पर जोर दे रही है। जीटीए में राज्य सरकार कतई हस्तक्षेप नहीं कर रही हैं।
आज हुई बैठक में आदिवासी विकास मंत्री जेम्स कुजुर, मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी, नागराकाटा विधायक सुकरा मुंडा समेत उत्तर बंगाल व दक्षिण बंगाल के कई सांसद व विधायक मौजूद थे।