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जयंती के एक दिन पहले नेताजी की मूर्ति की हुई सफाई

- मूर्तियों की साफ-सफाई के लिए कमेटी बनाने की जरूरत: टोप्पो संवाद सूत्र, मालबाजार: 23 जनवरी को नेत

By Edited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 09:26 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2017 09:26 PM (IST)
जयंती के एक दिन पहले नेताजी की मूर्ति की हुई सफाई

- मूर्तियों की साफ-सफाई के लिए कमेटी बनाने की जरूरत: टोप्पो

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संवाद सूत्र, मालबाजार: 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती है। जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर है। जयंती को लेकर माल नगरपालिका व स्कूलों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। लेकिन 22 जनवरी तक माल शहर के सुभाष मोड़ में स्थापित सुभाष चंद्र की मूर्ति पर लगे धूल-मिट्टी पर किसी का ध्यान नहीं गया। इस बारे में जब स्थानीय व्यवसायियों से पुछताछ की गई, तब जाकर उनकी नींद टूटी। शनिवार शाम शाम के समय स्थानीय व्यवसायियों ने ही मूर्ति की सफाई की। लोगों की माने तो केवल एक मूर्ति का सवाल नहीं है, यहां के अधिकांश मूर्तियों पर ही धूल-मिट्टी रहता है। सफाई तो न के बराबर ही होती है। किसी विशेष उत्सव व कार्यक्रम पर ही मूर्तियों की सफाई की जाती है।

माल शहर के सुभाष मोड़ में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र की मूर्ति काफी पुरानी है। इसके अलावा माल आदर्श विद्यालय के सामने काजी नजरूल, बालिका विद्यालय के सामने रवींद्रनाथ, विवेकानंद क्लब के सामने स्वामी विवेकानंद समेत अन्य कई महान लोगों की मूर्तियां स्थापित हैं। लेकिन देखभाल करने वाला कोई नहीं है। नगरपालिका की ओर से बीच-बीच में सफाई अभियान चलाया जाता है, पर कुछ दिनों बाद फिर वही हाल हो जाता है। स्थानीय व्यवसायी राजेश अग्रवाल ने कहा कि नगरपालिका या फिर सरकार की नहीं बल्कि आम लोगों को भी साफ-सफाई की जिम्मेदारी लेनी होगी। रविवार को कुछ व्यवसायियों ने मिलकर ही सुभाष चंद्र की मूर्ति की सफाई की है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राज्य कमेटी के उपाध्यक्ष तेज कुमार टोप्पो ने कहा कि केवल मूर्ति स्थापित कर देने से नहीं होता, बल्कि नियमित देखभाल करने की भी आवश्यकता है। जिसके लिए एक कमेटी गठन होनी चाहिए। माल आदर्श विद्यालय के प्रधान शिक्षक सुशांत कुमार की माने तो किसी भी मूर्ति की साफ-सफाई का ख्याल रखना सभी का कर्तव्य है। नगरपालिका चेयरमैन स्वपन साहा ने कहा कि शहर में स्थापित मूर्तियों को साफ रखने की पूरी कोशिश की जाती है। इसमें स्थानीय लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझकर आगे आने की जरूरत है। इसके अलावा मूर्ति स्थलों पर लाइट, सौंदर्यकरण, रंग समेत अन्य कई कार्यो को किया गया है। नगरपालिका हर संभव आर्थिक सहायता भी दे रही है।


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